सरकार का बड़ा फैसला: OMCs को ₹30,000 करोड़ के मुआवजे को मिली मंजूरी
तेल कंपनियों को घरेलू एलपीजी की लागत में हुए नुकसान की भरपाई होगी; सरकार ने उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाने के लिए उठाया कदम।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल विपणन कंपनियों (OMCs) के लिए ₹30,000 करोड़ के मुआवजे को मंजूरी दी है।
- यह मुआवजा इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया गया है।
- इस फैसले का उद्देश्य ओएमसी की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना और देश भर में रसोई गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 अगस्त – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल विपणन कंपनियों (OMCs) – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) – को ₹30,000 करोड़ का मुआवजा देने की मंजूरी दी है। यह मुआवजा इन कंपनियों को घरेलू रसोई गैस (LPG) की बिक्री पर हुए ‘अंडर-रिकवरी’ यानी नुकसान को पूरा करने के लिए दिया गया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब सरकार उपभोक्ताओं को वैश्विक बाजार की कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाना चाहती है।
मुआवजे की क्यों पड़ी जरूरत?
वैश्विक कच्चे तेल और एलपीजी की कीमतों में लगातार वृद्धि के बावजूद, सरकार ने उपभोक्ताओं पर इसका बोझ नहीं पड़ने दिया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में, तेल विपणन कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार घरेलू एलपीजी की कीमतें नहीं बढ़ाईं, जिससे उन्हें भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इस नुकसान को ‘अंडर-रिकवरी’ कहा जाता है। ₹30,000 करोड़ का यह मुआवजा इन कंपनियों को हुए घाटे की भरपाई करेगा और उनकी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने में मदद करेगा। यह कदम सरकार की उस नीति का हिस्सा है जिसके तहत वह महंगाई को नियंत्रित करने और आम जनता को राहत देने की कोशिश करती है।
OMCs पर घाटे का बोझ और वित्तीय स्थिरता
लगातार हो रहे घाटे के कारण इन कंपनियों की वित्तीय सेहत पर बुरा असर पड़ रहा था। उन्हें कच्चे तेल और एलपीजी की खरीद, ऋण सेवा (debt servicing), और पूंजीगत व्यय (capital expenditure) जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने में मुश्किल आ रही थी। सरकार द्वारा दिया गया यह मुआवजा इन कंपनियों को अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। इससे वे अपने संचालन को सुचारू रूप से चला पाएंगे और परियोजनाओं में निवेश जारी रख पाएंगे। यह फैसला इन कंपनियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है।
क्या उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा?
हालांकि यह मुआवजा सीधे तौर पर उपभोक्ताओं के लिए ईंधन की कीमतों में कमी नहीं लाएगा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष लाभ निश्चित तौर पर मिलेगा। सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि ओएमसी को अपने घाटे की भरपाई के लिए कीमतें बढ़ाने की आवश्यकता न पड़े। इस तरह, यह भविष्य में कीमतों में भारी वृद्धि की संभावना को कम करता है। इसके अलावा, यह प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं के तहत देश भर के घरों में स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन की निरंतर और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, जिससे लाखों परिवारों को फायदा होगा।