ट्रंप के टैरिफ पर शशि थरूर का पलटवार: अमेरिका का ‘दोहरा रवैया’ किया बेनकाब

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका की विदेश नीति पर उठाए सवाल, कहा- भारत को अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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  • डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले के बाद शशि थरूर ने अमेरिका की कड़ी आलोचना की है।
  • थरूर ने अमेरिका के दोहरे रवैये को उजागर करते हुए कहा कि एक तरफ वह रूस से यूरेनियम आयात करता है, वहीं भारत को तेल खरीदने के लिए दंडित कर रहा है।
  • उन्होंने चेतावनी दी कि 50% का कुल टैरिफ भारतीय निर्यात पर गंभीर प्रभाव डालेगा, जिससे भारत को अपने व्यापारिक साझेदार बदलने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6 अगस्त, 2025 – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को एक नए मोड़ पर ला दिया है। ट्रंप का यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल आयात करने की नीति पर उनकी नाराजगी का परिणाम माना जा रहा है। इस फैसले के बाद, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका पर तीखा हमला बोला है और उसके दोहरे रवैये को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब कर दिया है। थरूर ने अपने बयान में न सिर्फ अमेरिका की नीतियों की आलोचना की, बल्कि भारत के लिए आगे की राह भी सुझाई।

अमेरिका के ‘दोहरे रवैये’ पर थरूर का प्रहार

शशि थरूर ने ट्रंप के फैसले को अमेरिका की विदेश नीति में मौजूद विरोधाभास का एक बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका एक तरफ रूस पर प्रतिबंध लगाने का दिखावा करता है, जबकि दूसरी ओर वह खुद उससे यूरेनियम और पैलेडियम जैसी महत्वपूर्ण वस्तुएं आयात करना जारी रखे हुए है। थरूर ने सवाल उठाया कि जब अमेरिका अपने राष्ट्रीय हितों के लिए रूस से व्यापार कर सकता है, तो भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करने से क्यों रोका जा रहा है? उन्होंने यह भी कहा कि चीन, जो भारत से कहीं ज्यादा रूसी तेल खरीदता है, उसे 90 दिनों की मोहलत दी गई, जबकि भारत को तुरंत दंडित किया गया, जो अमेरिकी पक्षपात को दर्शाता है।

भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ का असर

ट्रंप द्वारा लगाया गया यह नया टैरिफ भारत के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका हो सकता है। थरूर ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि 25% के इस अतिरिक्त टैरिफ से अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर कुल टैरिफ 50% तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि इस भारी टैरिफ के कारण भारतीय उत्पाद अमेरिका में बहुत महंगे हो जाएंगे और वियतनाम, इंडोनेशिया और बांग्लादेश जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे, जहां टैरिफ दरें कम हैं। इसका सीधा असर भारतीय निर्यातकों पर पड़ेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

भारत के लिए आगे की राह: व्यापारिक साझेदारों का विविधीकरण

शशि थरूर ने कहा कि इस स्थिति से भारत को सबक सीखना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत के भीतर भी अमेरिकी निर्यात पर जवाबी टैरिफ लगाने का दबाव बढ़ सकता है। थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को अब अपने व्यापारिक साझेदारों का विविधीकरण करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें केवल अमेरिका पर निर्भर रहने की बजाय यूरोपीय संघ और ब्रिटेन जैसे अन्य बड़े बाजारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। थरूर का मानना है कि जब वैश्विक शक्तियां अपनी सुविधा के अनुसार नियम बदलती हैं, तब भारत को अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।

पुराने अपमान पर भी दिया जवाब

यह पहली बार नहीं है जब शशि थरूर ने ट्रंप पर निशाना साधा है। इससे पहले, जब ट्रंप ने भारत को “मृत अर्थव्यवस्था” कहा था, तब भी थरूर ने इसका कड़ा जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि ट्रंप की यह टिप्पणी एक अपमान के रूप में थी और इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। थरूर ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि भारत को अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता नहीं करना चाहिए, भले ही उसे अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार से ही क्यों न लड़ना पड़े।

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