झारखंड : PLFI के शीर्ष Maoist कमांडर मार्टिन केरकेट्टा का एनकाउंटर

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समग्र समाचार सेवा 
गुमला, झारखंड  6 अगस्त – 5 अगस्त की रात लगभग 9:30 बजे, गुमला जिले के चंगाबरी उपर्तोली क्षेत्र (कमडारा थाना क्षेत्र) में झारखंड पुलिस ने पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के शीर्ष कमांडर मार्टिन केरकेट्टा को एनकाउंटर में न्यूट्रलाइज़ किया। उन पर ₹15 लाख की इनामी राशि थी और वह लंबे समय से पुलिस की सक्रिय सूची में थे

घटना का क्रम

पुलिस को ताज़ा सूचना मिली थी कि मार्टिन के नेतृत्व में PLFI का एक सशस्त्र जत्था स्थानीय व्यवसायी से फिरौती वसूलने के लिए इलाके में मौजूद है। सुरक्षा दल ने तुरंत चंगाबरी उपर्तोली में छापा मारा। जैसे ही पुलिस टीम ने इलाके में प्रवेश किया, PLFI के सदस्य फायरिंग करने लगे। जवाबी कार्रवाई में मार्टिन केरकेट्टा को मौके पर ही मार गिराया गया और एक हथियार भी बरामद किया गया

मार्टिन की भूमिका और प्रभाव

मार्टिन केरकेट्टा PLFI के सेंटरल कमिटी का शीर्ष कमांडर था और इसके पूर्व का नेता दिनेशक गोपे सितंबर 2023 में NIA द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्होंने संगठन की कमान संभाली थी। वह लगभग 20 वर्षों से गुमला, खूंटी, सिमडेगा, लोहर्दागा और रांची जिलों में सक्रिय रहा है, और उस पर 70 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं

सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया

गुमला पुलिस के एसपी हरिस बिन ज़मान ने बताया कि यह कदम PLFI और अन्य अधिकांश Maoist उपविभागों को कमजोर करने की दिशा में उठाया गया एक बड़े अभियान का हिस्सा है। पुलिस और विशेष दल लोंग ऑपरेशन गुमला के तहत लगातार सदियों से सक्रिय Maoist नेटवर्क को निष्प्रभावी बना रहे हैं ।

व्यापक अभियान की पृष्ठभूमि

इससे पहले 26 जुलाई 2025 को तीन JJMP (Jharkhand Jan Mukti Parishad) आतंकियों को उसी जिले के Lawadag जंगलों में एनकाउंटर में मारा गया था। ये घटनाएं यह दर्शाती हैं कि झारखंड पुलिस राज्य में LWE (Left-Wing Extremism) की त्वरित सफाई अभियान चला रही है

असर एवं व्यापक निगरानी

PLFI, जो कि CPI‑Maoist का एक प्रमुख स्प्लिंटर ग्रुप है, अक्सर स्थानीय अपराध और फिरौती गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। दल का आकार लगभग 150 से 300 सदस्यों का माना जाता है, और यह झारखंड में Maoist हिंसा के लगभग आधे मामलों का स्रोत रहा है।

मार्टिन केरकेट्टा की हत्‍या PLFI की गतिविधियों पर एक गंभीर धक्का है। यह झारखंड सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की ग्रामीण व वन-दलित क्षेत्रों में किए गए सूक्ष्म निगरानी एवं खुफिया कार्रवाइयों की सफलता को दर्शाता है। पुलिस महानिदेशक (DGP) ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि बाकी बचे वितरण समूहों (splinter groups) को भी समाप्त किया जाए
मार्टिन केरकेट्टा का एनकाउंटर PLFI और उसके नेटवर्क के लिये एक निर्णायक मोड़ हो सकता है। यह घटना स्पष्ट संकेत देती है कि झारखंड में नक्सलवाद विरोधी अभियान अब और तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। विरोधी तत्वों के खिलाफ जारी इस लड़ाई में सुरक्षा बलों की तत्परता तथा अपराध व उग्रवाद के खिलाफ न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य में भी राज्य की सुरक्षा संरचना मजबूत बना रहेगी।

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