दिल्ली पुलिस की बड़ी चूक: डमी बम का पता नहीं लगा पाए 7 पुलिसकर्मी निलंबित
स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, क्या राजधानी सुरक्षित है?
- दिल्ली में 15 अगस्त की सुरक्षा तैयारियों के तहत हुई मॉक ड्रिल में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
- लाल किले की सुरक्षा में तैनात 7 पुलिसकर्मी एक डमी बम का पता लगाने में नाकाम रहे।
- इस गंभीर चूक के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सख्त कार्रवाई करते हुए सभी 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अगस्त, 2025 – देश की राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) से पहले सुरक्षा को लेकर एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। लाल किले और उसके आसपास के इलाकों की सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया था। इस ड्रिल के दौरान, सुरक्षा में एक गंभीर खामी सामने आई, जब एक डमी बम को पुलिस के जवान पकड़ने में नाकाम रहे। इस लापरवाही के सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सख्त कदम उठाते हुए मौके पर तैनात 7 पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित कर दिया है। इस घटना ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या थी मॉक ड्रिल और कहाँ हुई चूक?
जानकारी के मुताबिक, यह मॉक ड्रिल लाल किले के पास एक पुलिस पिकेट पर आयोजित की गई थी। सुरक्षा अधिकारियों ने जांचने के लिए कि पुलिस कितनी सतर्क है, एक डमी बम को जानबूझकर उस जगह पर रख दिया। लेकिन, वहां तैनात हेड कांस्टेबल और अन्य 6 पुलिसकर्मी इस डमी बम का पता लगाने में पूरी तरह विफल रहे। यह लापरवाही तब और भी गंभीर हो जाती है जब 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं। इस दौरान लाल किले की सुरक्षा अभूतपूर्व रूप से कड़ी होती है। ऐसे में यह चूक एक बड़े खतरे की ओर इशारा करती है।
पुलिस कमिश्नर की सख्त कार्रवाई का संदेश
पुलिस कमिश्नर ने इस घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया है। उनका मानना है कि इस तरह की लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, खासकर ऐसे महत्वपूर्ण समय में। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया, जिनकी ड्यूटी उस पिकेट पर थी। इस कार्रवाई का मकसद सिर्फ इन जवानों को सजा देना नहीं है, बल्कि पूरी फोर्स को एक कड़ा संदेश देना है कि सुरक्षा में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निलंबित पुलिसकर्मियों में कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल रैंक के अधिकारी शामिल हैं।
राजधानी की सुरक्षा और चुनौतियाँ
दिल्ली में इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आती रही हैं, जिससे राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं। यह घटना बताती है कि भले ही सुरक्षा के दावे किए जाते हों, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी भी बहुत काम करने की जरूरत है। देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली हमेशा आतंकवादियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों के निशाने पर रहती है। ऐसे में सुरक्षाकर्मियों को हमेशा सतर्क और चौकस रहने की जरूरत होती है। इस मॉक ड्रिल का मकसद ही यही था कि कमियों को ढूंढा जाए, लेकिन यह उजागर हुआ कि कमियां कितनी गंभीर हैं। यह घटना आने वाले दिनों में पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए एक सबक साबित हो सकती है।