राहुल गाँधी की भारतीयता पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल ?

'अगर आप सच्चे भारतीय हैं तो ऐसी बातें नहीं कहेंगे

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली 4 अगस्त – सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना पर दिए गए विवादित बयान को लेकर कड़ी फटकार लगाई। यह बयान उन्होंने 2022 में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गलवान घाटी संघर्ष के सन्दर्भ में दिया था।

हालाँकि कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही मानहानि की कार्यवाही पर तीन हफ्तों की अंतरिम राहत दे दी है, लेकिन सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह ने राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर गंभीर नाराज़गी जताई।

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2022 को दावा किया था कि “चीन की सेना हमारे जवानों की पिटाई कर रही है और भारतीय मीडिया इस पर कोई सवाल नहीं करता।”
इस पर लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत ने उनके खिलाफ समन जारी किया था, जिसे उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन राहत नहीं मिली।

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि अगर विपक्ष का नेता सार्वजनिक रूप से प्रेस में आई खबरों पर भी सवाल नहीं उठा सकता, तो यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

इस पर जस्टिस दत्ता ने तीखा सवाल किया –
“जो कहना है वो संसद में कहिए, सोशल मीडिया पर क्यों?”
इसके बाद उन्होंने और भी सख्त टिप्पणी की –
“आपको कैसे पता चला कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर कब्ज़ा किया? क्या आप वहां मौजूद थे? अगर आप सच्चे भारतीय हैं तो ऐसा नहीं कहेंगे।”

सिंघवी ने जवाब में कहा –
“सच्चा भारतीय यह भी कह सकता है कि हमारे 20 जवान मारे गए और यह चिंता का विषय है।”

लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सीमा संघर्षों में दोनों ओर हताहत होना असामान्य नहीं है, और ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बयान देने से पहले ठोस प्रमाण जरूरी है

कानूनी दलीलें और अंतरिम राहत

सिंघवी ने बताया कि शिकायत महज़ राहुल गांधी को परेशान करने के उद्देश्य से की गई है और उनके बयान को बेहतर ढंग से कहा जा सकता था। उन्होंने BNSS की धारा 223 का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि आपराधिक शिकायत पर सुनवाई से पहले आरोपी को सुना जाना चाहिए – लेकिन उन्होंने माना कि यह बिंदु हाई कोर्ट में नहीं रखा गया।

कोर्ट ने अंततः राहुल गांधी की याचिका पर विचार करते हुए तीन हफ्तों के लिए कार्यवाही पर रोक लगा दी है। शिकायतकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया पेश हुए।

क्या है मामला?

यह शिकायत सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व महानिदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने की थी। उनका आरोप है कि राहुल गांधी के बयान ने भारतीय सेना और उसके परिवारों का मनोबल गिराया

 निष्कर्ष:

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट संकेत दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर बिना ठोस साक्ष्य के सार्वजनिक बयान देना न केवल अनुचित है, बल्कि देश की सेना के मनोबल को नुकसान पहुंचा सकता है।

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