समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु,1 अगस्त – पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की विशेष सत्र अदालत ने एक बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया है। यह मामला उन जनप्रतिनिधियों के लिए गठित विशेष अदालत में चल रहा था, जिन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
पीड़िता एक 48 वर्षीय महिला है, जो रेवन्ना परिवार के हासन स्थित गन्नीकाडा फार्महाउस में घरेलू सहायिका के रूप में काम कर चुकी है। महिला ने आरोप लगाया था कि प्रज्वल ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। यह मामला तीन बलात्कार और एक यौन उत्पीड़न के मामलों में से पहला है, जिसमें न्यायिक फैसला आया है।
अदालत में कड़ी सुरक्षा, सुनवाई में तीव्रता
31 मई को अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। न्यायालय के भीतर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा। इस मामले की सुनवाई के दौरान डिजिटल साक्ष्य, कॉल रिकॉर्ड, मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोपी के अपराध को संदेह से परे सिद्ध करने में सफल रहा।
सजा पर बहस जारी
अदालत में अब सजा की अवधि पर बहस चल रही है। भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत प्रज्वल को कम से कम 10 वर्ष की कठोर कारावास और अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। अदालत अगले कुछ दिनों में सजा का ऐलान कर सकती है।
राजनीतिक असर और प्रतिक्रिया
कभी कर्नाटक में युवा राजनीतिक चेहरा माने जाने वाले प्रज्वल रेवन्ना की छवि पर पहले ही कई विवादों का असर पड़ा था। वर्ष की शुरुआत में सामने आए कथित आपत्तिजनक वीडियो और देश छोड़कर जाने की घटना ने मामले को और विवादास्पद बना दिया था। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद ही उन्होंने वापसी की।
जेडीएस ने फिलहाल इस निर्णय पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पार्टी के भीतर इस पर चर्चा चल रही है। दूसरी ओर, महिला अधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
आगे की प्रक्रिया
प्रज्वल के खिलाफ अभी दो अन्य बलात्कार और एक यौन उत्पीड़न का मामला लंबित है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में दोषसिद्धि एक मजबूत मिसाल बनेगी, लेकिन न्यायिक प्रक्रिया के समापन के बाद ही प्रज्वल के राजनीतिक और कानूनी भविष्य की पूरी तस्वीर सामने आएगी।