बिहार विधानसभा में SIR विवाद: सियासी बादल घिरे
मतदाता सूची संशोधन को लेकर तेजस्वी और उप मुख्यमंत्री में तीखी बहस
- विधानसभा सत्र में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) को लेकर तेज़स्वी यादव और उप मुख्यमंत्री का तीखा संघर्ष हुआ।
- तेजस्वी ने SIR को “फ्रॉड” बताते हुए चुनाव बहिष्कार का विकल्प खुला रखा।
- विपक्षी और सत्ताधारी विधायकों में झड़पें, अध्यक्ष ने सदन स्थगित कर दी।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 25 जुलाई 2025 — बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के पाँचवें दिन सदन में सख्त राजनीतिक विवाद छिड़ गया जब विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन (SIR) को लेकर विपक्ष और सत्ताधारी दल आमने आम नज़र आए। इस मुद्दे को लेकर मुख्य विपक्ष नेता तेजस्वी यादव और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बीच तीखी जुबानी युद्ध शुरू हुई, जिससे सदन में उबड़-खाबड़ संघर्ष का माहौल बन गया।
तेजस्वी यादव का आरोप: SIR में धोखाधड़ी
तेजस्वी यादव ने SIR प्रक्रिया को “पूर्व निर्धारित और अन्यायपूर्ण” बताते हुए आरोप लगाया कि तीनों करोड़ प्रवासी और गरीब मतदाताओं को सूची से निकाला जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस पर शीघ्र कार्रवाई नहीं होती, तो उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव बहिष्कार पर विचार कर सकती है।
संघर्ष बढ़ा, सदन में हंगामा
तेजस्वी के भाषण के बाद विपक्षी और सत्तारुढ़ भाजपा-जदयू विधायक आपस में उलझ गए। शब्दों का युद्ध बढ़ता गया—”Your father was criminal…” जैसी चर्चित टिप्पणियाँ भी सामने आईं। दोनों पक्षों के विधायकों ने ऊहापोह के साथ भाग लिया, और सभापति नंद किशोर यादव को सदन स्थगित करना पड़ा।
विपक्ष का महागठबंधन दांव
वेबसाइट अनुसार, कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी समेत INDIA ब्लॉक के नेता भी दिल्ली में SIR के विरोध में संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके अनुसार यह संशोधन पात्र मतदाताओं को वंचित करने वाला है और घोर असंवैधानिक कदम है।
सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई सुनवाई
अगली सुनवाई 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में तय हुई है, जहाँ SIR प्रक्रिया की वैधता पर बहस होगी। अदालत ने आंशिक रूप से आदेश दिया है कि आधार कार्ड, वोटर ID, राशन कार्ड स्वीकार करने पर विचार किया जाए, पर चुनाव आयोग ने इसमें असहमति जताई है। तेजस्वी ने कहा है कि यदि न्याय न मिला, तो चुनाव बहिष्कार विचाराधीन विकल्प होगा।