आरिफ मोहम्मद खान अगले उपराष्ट्रपति के प्रबल दावेदार: सियासी गलियारों में चर्चा तेज

उपराष्ट्रपति पद की रेस में आरिफ मोहम्मद खान का नाम सबसे आगे!

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  • आरिफ मोहम्मद खान उपराष्ट्रपति पद के लिए सबसे मजबूत दावेदारों में से एक माने जा रहे हैं।
  • वह वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं और पहले केरल के राज्यपाल रह चुके हैं।
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके आरिफ मोहम्मद खान का लंबा राजनीतिक अनुभव है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 जुलाई 2025: देश के राजनीतिक गलियारों में अगले उपराष्ट्रपति पद को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं, और सूत्रों की मानें तो आरिफ मोहम्मद खान इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए एक प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ सदस्य के तौर पर उनकी उम्मीदवारी पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। आरिफ मोहम्मद खान, जो वर्तमान में बिहार के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, इससे पहले केरल के राज्यपाल भी रह चुके हैं। उनका लंबा और विविध राजनीतिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है।

आरिफ मोहम्मद खान का राजनीतिक सफर: एक विहंगम दृष्टि

आरिफ मोहम्मद खान का जन्म 18 नवंबर 1951 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) (1972-73) और लखनऊ विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश से एलएलबी (1977) की डिग्री प्राप्त कर पूरी की। उनका राजनीतिक करियर छात्र जीवन से ही शुरू हो गया था, जब वे 1972-73 के दौरान विश्वविद्यालय के महासचिव और 1973-74 के दौरान अध्यक्ष चुने गए।

उनकी सक्रिय राजनीति में एंट्री 1977 में हुई, जब उन्होंने बुलंदशहर की सियाना विधानसभा सीट से पहली बार विधायकी का चुनाव जीता और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बने। इसके बाद उनके सियासी सितारे लगातार बुलंदियों पर रहे और वह चार बार लोकसभा सांसद बने। उन्होंने 1980, 1984, 1989 और 1998 में लोकसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसी दौरान, उन्होंने केंद्र सरकार में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं।

केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल के रूप में भूमिका

आरिफ मोहम्मद खान दो बार केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। पहली बार उन्होंने राजीव गांधी की कैबिनेट में 1984 से 1986 तक कानून राज्यमंत्री का पद संभाला। दूसरी बार, वे 1989 से 1991 तक वीपी सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, जहाँ उन्होंने ऊर्जा से लेकर नागरिक उड्डयन तक कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला।

2004 में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा और उसी वर्ष कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा, हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली। बाद में, भाजपा ने आरिफ मोहम्मद खान को केरल का नया राज्यपाल नियुक्त किया, जहाँ उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता और समझ का परिचय दिया। वर्तमान में, वह बिहार के राज्यपाल के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

आरिफ मोहम्मद खान की उम्मीदवारी को उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि, विशाल राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव, और विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं में उनकी स्वीकार्यता के कारण मजबूत माना जा रहा है। अगर वे उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो यह भारतीय राजनीति में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

सूत्रों की माने तो राजनाथ सिंह और मनोज सिन्हा की भी चर्च है, राजनाथ सिंह मोदी सरकार में रक्षा मंत्री है तो मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल है। अब देखना है राजग किसे उम्मीदवार बनाती है।

 

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