शशि थरूर का बड़ा बयान: “पहली निष्ठा देश के प्रति
कांग्रेस से बढ़ते मतभेदों के बीच कोच्चि में बोले सांसद
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- “देश पहले”: शशि थरूर ने कहा कि किसी भी राजनेता की पहली निष्ठा भारत के प्रति होनी चाहिए, न कि किसी पार्टी के प्रति।
- ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन: थरूर ने सरकार की सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया, जिससे कांग्रेस नेतृत्व असहज हुआ।
- कांग्रेस में मतभेद: थरूर के बयानों से कांग्रेस नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं में असंतोष बढ़ा, लेकिन थरूर ने अपने रुख पर अडिग रहने की बात कही।
- राष्ट्रीय एकता की अपील: उन्होंने सभी 46 दलों से आग्रह किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में राजनीति से ऊपर उठें।
समग्र समाचार सेवा
कोच्चि 20 जुलाई – कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कोच्चि में एक छात्र के सवाल पर कहा कि “देश पहले आता है, पार्टियां बाद में”। यह बयान उस समय आया है जब कांग्रेस नेतृत्व उनसे नाराज़ है, खासकर पाहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उनकी केंद्र सरकार को दी गई खुली प्रशंसा को लेकर।
थरूर एक स्कूल कार्यक्रम में छात्रों से बातचीत कर रहे थे। एक छात्र ने उनसे उनकी पार्टी के साथ बढ़ते मतभेदों पर सवाल पूछा, जिस पर उन्होंने कहा, “राजनीति प्रतिस्पर्धा है, लेकिन जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तब हमें सभी दलों को साथ आना चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा, “मेरी पहली निष्ठा देश के प्रति है, पार्टी तो देश को बेहतर बनाने का एक माध्यम मात्र है।”
थरूर ने कहा कि उन्होंने हमेशा भारत की एकजुटता और सुरक्षा को सर्वोपरि माना है, चाहे वह सरकार किसी भी पार्टी की हो। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि जब देश संकट में हो, तब आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट हों।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर थरूर के सरकार-समर्थक रुख से कांग्रेस नेतृत्व नाराज है। खुद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कटाक्ष किया था कि “कुछ लोगों के लिए देश नहीं, मोदी पहले हैं।” जवाब में थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा, “उड़ने की इजाजत मत मांगो, पंख तुम्हारे हैं और आकाश किसी एक का नहीं।”
थरूर ने भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को भी उद्धृत किया — “Who lives if India dies?” — और कहा कि जब देश ही नहीं बचेगा तो राजनीति का कोई मतलब नहीं बचेगा।