कांग्रेसी सड़कों पर: प्रदेशाध्यक्ष अजय राय पर फर्जी मुकदमे का विरोध
काशी में बदहाल व्यवस्था और लोकतंत्र के दमन पर कांग्रेस का हल्ला बोल
- रामपुर में कांग्रेसियों ने प्रदेशाध्यक्ष अजय राय पर फर्जी मुकदमे का विरोध किया।
- राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर मुकदमा रद्द करने की मांग की।
- श्रावण मास में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की भी मांग की गई।
समग्र समाचार सेवा
रामपुर, 15 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रदेशाध्यक्ष अजय राय समेत दस कांग्रेजनों के खिलाफ दर्ज किए गए “फर्जी मुकदमे” के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया और राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने तत्काल मुकदमा रद्द करने और पवित्र श्रावण मास के दौरान वाराणसी में श्रद्धालुओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की मांग की है।
काशी की बदहाल स्थिति और सरकार पर आरोप
ज्ञापन सौंपे जाने के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रमिल कुमार शर्मा ‘निक्कू पंडित’ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सनातन धर्म में काशी का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। यह पवित्र नगरी केवल प्रदेश ही नहीं, बल्कि संपूर्ण देशवासियों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि काशी जैसे धार्मिक महत्व वाले शहर में भी आम जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है। निक्कू पंडित ने आरोप लगाया कि सामान्य दिनों को छोड़िए, सावन के इस पवित्र मास में भी श्रद्धालुओं की सुविधा का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। उन्होंने भाजपा की डबल इंजन सरकार पर “फर्जी विकास का ढिंढोरा पीटने” और केवल “लुभावने नारों तक सीमित रहने” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा आम जनता की तकलीफों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कराने पर भी दमनात्मक कार्यवाही की जा रही है और फर्जी मुकदमे दर्ज करवाकर लोकतंत्र को कुचलने का काम किया जा रहा है।

लोकतंत्र के दमन का ताजा उदाहरण: वाराणसी घटना
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने 10 जुलाई 2025 को हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और वाराणसी के जिला एवं शहर अध्यक्ष सहित 10 कांग्रेसजनों के खिलाफ दर्ज कराया गया फर्जी मुकदमा इस “लोकतंत्र के दमन” का ताजा उदाहरण है। उन्होंने इसे “बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार की इस “अन्यायपूर्ण और अलोकतांत्रिक कार्यवाही” का प्रतिकार करती है। यह घटना दर्शाती है कि जब जनप्रतिनिधि जनता की आवाज उठाते हैं, तो उन्हें कैसे निशाना बनाया जाता है।
जनता की समस्याओं पर आवाज उठाने पर कार्रवाई
एआईसीसी सदस्य मुतिउर रहमान खां “बबलू” ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का एक प्रमुख कार्य जनता की परेशानियों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कराकर उससे निजात दिलाना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय राय जी के साथ वाराणसी के जिला एवं शहर अध्यक्ष सहित तमाम कांग्रेसजन वाराणसी में जलभराव, ध्वस्त सीवर व्यवस्था, पीड़ित दुकानदार, रोपवे की समस्याएं, जाम से परेशान जनता और कांवर यात्रियों की समस्याओं के निराकरण हेतु सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए पदयात्रा निकाल रहे थे। इस शांतिपूर्ण पदयात्रा पर भी प्रदेश सरकार के इशारे पर वाराणसी के सिगरा थाने में अजय राय समेत 10 कांग्रेसजनों पर मुकदमा दर्ज कराया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की संवैधानिक मुखिया होने के नाते, सभी कांग्रेसजन राज्यपाल से मांग करते हैं कि वे तुरंत हस्तक्षेप करें और 10 जुलाई 2025 को वाराणसी के सिगरा थाने में दर्ज फर्जी एफआईआर को रद्द कराने हेतु प्रदेश सरकार को निर्देशित करें। इसके अतिरिक्त, उन्होंने श्रावण माह में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु समुचित व्यवस्था कराने का भी निर्देश जारी करने की मांग की।
इस विरोध प्रदर्शन में शहर अध्यक्ष बाकर अली खां, युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अरसलान अली खां, ज़िला उपाध्यक्ष साहिर अली खां, जमील मियां, ज़िला महासचिव/कार्यालय प्रभारी शकील मंसूरी, शहर उपाध्यक्ष शारिब अली खां, मोहम्मद अली वकील, नोमान खां, NSUI कांग्रेस के ज़िला अध्यक्ष कलीम अहमद, NGO कांग्रेस के ज़िला अध्यक्ष सलीम अहमद, ब्लाक अध्यक्ष (सैदनगर) आसिफ खां, ज़िला सचिव इरफान अली, रामगोपाल सैनी, वारिस मियां, आशुतोश रस्तोगी, सऊद खां, इरशाद अली, नूर आलम, वसीम अंसारी, हाजी शादाब सहित कई अन्य कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।