स्पाइसजेट विमान की खिड़की हवा में गिरने से मचा हड़कंप: क्या केवल ‘कॉस्मेटिक खराबियों’ के सहारे उड़ रहे हैं हमारे हवाई जहाज ?

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 जुलाई: हवाई यात्रा को देश में सबसे सुरक्षित माने जाने वाले यातायात माध्यमों में गिना जाता है, लेकिन हाल ही में स्पाइसजेट की एक उड़ान में जो हुआ, उसने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, स्पाइसजेट की एक घरेलू फ्लाइट के दौरान हवा में ही विमान की एक खिड़की का पैनल ढीला होकर गिर गया। सौभाग्य से यह घटना विमान के लैंडिंग से ठीक पहले हुई और किसी यात्री को चोट नहीं आई, लेकिन इससे उड़ान सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई जा रही है।

यह घटना 29 जून को स्पाइसजेट की मुंबई से दिल्ली जा रही फ्लाइट SG-123 में हुई। विमान में कुल 180 यात्री सवार थे। उड़ान सामान्य रूप से शुरू हुई, लेकिन जब विमान दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने की तैयारी कर रहा था, तभी यात्रियों में से कुछ ने देखा कि खिड़की के पास लगा प्लास्टिक पैनल हिल रहा है और फिर अचानक वह गिर गया। इससे विमान के अंदर बैठे यात्रियों में अफरातफरी मच गई।

स्पाइसजेट ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए कहा है कि यह महज एक “कॉस्मेटिक डिफेक्ट” था, जिससे विमान की संरचनात्मक मजबूती या दबाव पर कोई असर नहीं पड़ा। कंपनी का कहना है कि पैनल का गिरना सिर्फ सजावटी प्लास्टिक कवर का ढीला होना था, न कि असली खिड़की का। विमान की लैंडिंग सुरक्षित रही और सभी यात्री सकुशल अपने गंतव्य पर पहुंचे।

हालांकि, उड्डयन सुरक्षा विशेषज्ञों और यात्रियों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता। किसी भी प्रकार की ढील या खराबी, भले ही वह कॉस्मेटिक हो, सुरक्षा मानकों की अनदेखी को दर्शाता है। यह एक संकेत हो सकता है कि रखरखाव या निरीक्षण में कहीं न कहीं लापरवाही हो रही है।

डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) ने इस घटना का संज्ञान लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। शुरुआती रिपोर्ट में यह माना जा रहा है कि विमान के हालिया रखरखाव के दौरान यह कमी रह गई होगी। डीजीसीए के एक अधिकारी ने कहा, “हम किसी भी सुरक्षा संबंधी चूक को बर्दाश्त नहीं करते। चाहे वह सजावटी हो या संरचनात्मक।”

यह घटना उस समय सामने आई है जब भारत में हवाई यात्रा तेजी से बढ़ रही है और एयरलाइनों पर लागत में कटौती का भी दबाव है। ऐसे में रखरखाव और सुरक्षा मानकों की अनदेखी संभावित खतरे को जन्म दे सकती है। यात्रियों का विश्वास बनाए रखने के लिए, एयरलाइनों को न केवल तकनीकी बल्कि कॉस्मेटिक खराबियों को भी गंभीरता से लेना होगा।

स्पाइसजेट की इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या भारत के आसमान केवल सौंदर्य सुधारों के सहारे उड़ रहे हैं? क्या यात्रियों की जान की कीमत कॉस्मेटिक खराबियों से भी कम आंकी जा रही है? जवाबदेही और पारदर्शिता की जरूरत अब पहले से कहीं अधिक है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.