कोलकाता गैंगरेप मामला: मुख्य आरोपी मनोजित पर चौंकाने वाले खुलासे
कानून की पढ़ाई करने वाली छात्रा से दुष्कर्म मामले में छात्रों ने खोले राज
समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 3 जुलाई: कोलकाता में एक कानून की पढ़ाई कर रही छात्रा के साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना ने एक बार फिर शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा और परिसर के भीतर आपराधिक तत्वों की मौजूदगी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले की जांच कोलकाता पुलिस का डिटेक्टिव डिपार्टमेंट कर रहा है, और अब छात्रों द्वारा किए गए चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं, जो मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा के विवादास्पद इतिहास और व्यवहार पर प्रकाश डालते हैं।
मनोजित मिश्रा: एक विवादास्पद अतीत
मनोजित मिश्रा, जो इस मामले में मुख्य आरोपी है, का कॉलेज के साथ एक लंबा और परेशानी भरा रिश्ता रहा है। 2012 में कॉलेज में दाखिला लेने के बाद, उसे 2013 में आपराधिक गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया गया था। 2017 में एक बार फिर तोड़फोड़ के आरोप में उसे कॉलेज से बाहर किया गया। हालांकि, 2022 में स्नातक होने के बाद, 2023 में उसे अनौपचारिक रूप से कॉलेज का नियंत्रण दे दिया गया जब टीएमसीपी (तृणमूल छात्र परिषद) इकाई भंग हो गई। 2024 के मध्य में, वह एक तदर्थ (ad-hoc) कर्मचारी के रूप में औपचारिक रूप से कॉलेज लौट आया।
छात्रों का डर और कॉलेज प्रशासन की अनदेखी
मनोजित के कॉलेज में वापस आने के बाद से, छात्राओं की उपस्थिति में भारी गिरावट दर्ज की गई। कई छात्राओं ने बताया कि वे उसकी मौजूदगी और “घूरती आँखों” के कारण असहज और असुरक्षित महसूस करती थीं। छात्रों ने खुलासा किया कि मनोजित अक्सर लड़कियों की तस्वीरें लेता था और उन्हें प्रपोज करता था, जिससे परिसर का माहौल असहनीय हो गया था। यहां तक कि पुरुष छात्रों ने भी उस पर डराने-धमकाने और परेशान करने का आरोप लगाया।
छात्रों ने उसकी नियुक्ति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए थे, जिसमें उसके आपराधिक रिकॉर्ड और छात्राओं के लिए संभावित खतरे का हवाला दिया गया था, लेकिन कॉलेज अधिकारियों ने इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया।
घटना का विवरण और गिरफ्तारी
पीड़िता, जो तृणमूल की एक छात्र कार्यकर्ता भी है, ने पुलिस को बताया कि उसे 27 जून को कॉलेज के यूनियन रूम में एक महत्वपूर्ण पद का वादा करके बुलाया गया था। इसके बाद उसे जबरन सुरक्षा गार्डों के कमरे में ले जाया गया, जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, हॉकी स्टिक से हमला किया गया, धमकी दी गई और उसका वीडियो भी बनाया गया। उसे तभी छोड़ा गया जब उसे पैनिक अटैक आया। मेडिकल जांच में उसके आरोपों की पुष्टि हुई है।
पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है: मनोजित मिश्रा (पूर्व छात्र और तदर्थ गैर-शिक्षण स्टाफ), प्रमित मुखर्जी (प्रथम वर्ष का छात्र), और जैब अहमद (द्वितीय वर्ष का छात्र)।
यह मामला न केवल न्याय की मांग करता है, बल्कि शिक्षण संस्थानों को अपने छात्रों, विशेषकर छात्राओं, की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को भी उजागर करता है।