समग्र समाचार सेवा
मुंबई , 2 जुलाई : महाराष्ट्र कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। धुले ग्रामीण सीट से दो बार के विधायक और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे कुणाल पाटिल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वे मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में औपचारिक रूप से शामिल होंगे।
कुणाल पाटिल का नाम महाराष्ट्र की राजनीति में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री रहे रोहिदास पाटिल के पुत्र हैं। पाटिल परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़ा रहा है। उनके दादा चुदामन पाटिल 1962 से 1971 के बीच धुले लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं। इस तरह कुणाल पाटिल की राजनीतिक विरासत कांग्रेस के साथ गहराई से जुड़ी रही है।
पिछले साल मार्च में जब रोहिदास पाटिल बीमार थे, तब खुद राहुल गांधी उनके घर मिलने पहुंचे थे और सोनिया गांधी से भी फोन पर बातचीत करवाई थी। इस पारिवारिक और भावनात्मक जुड़ाव के बावजूद कुणाल पाटिल का कांग्रेस छोड़ना प्रदेश कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कुणाल पाटिल ने कहा, “मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और कल बीजेपी में शामिल हो रहा हूं। मेरे क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का भी यही मत था कि विकास के लिए बीजेपी से जुड़ना जरूरी है। उत्तर महाराष्ट्र को अब पिछड़ेपन से बाहर निकालने का समय आ गया है।”
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सकारात्मक सोच और औद्योगिक विकास की दृष्टि से उन्हें उम्मीद है कि उनका क्षेत्र बड़ा औद्योगिक हब बन सकता है। “समय आ गया है कि मैं खुद से अधिक दूसरों के बारे में सोचूं,” पाटिल ने कहा।
कांग्रेस की विचारधारा से तीन पीढ़ियों तक जुड़ा रहा यह परिवार अब बीजेपी की ओर रुख कर रहा है। इससे पहले अप्रैल में पुणे से पूर्व कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। वे भी कांग्रेस समर्थक परिवार से आते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र में विपक्षी खेमे में लगातार हो रहे इन विभाजनों से 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को स्पष्ट लाभ मिल सकता है। कांग्रेस को भी संगठनात्मक स्तर पर इन घटनाओं का तगड़ा मूल्यांकन करना होगा।