मुख्यमंत्री सैनी ने की आपातकाल की निंदा, सेवानिवृत्त IAS डॉ. एसपी गुप्ता को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री सैनी ने किया सेनानियों को नमन

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
गुरुग्राम, 30 जून: कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के काले अध्याय के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, 28 जून को गुरुग्राम में ‘संविधान हत्या दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कड़ी में गुरुग्राम विश्वविद्यालय और हिपा (हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) में मॉक पार्लियामेंट का आयोजन हुआ, जिसमें हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र सेनानियों और उनके परिवारों द्वारा सही गई यातनाओं को याद किया और उन सभी सेनानियों को नमन किया।

लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान

इस अवसर पर, मुख्यमंत्री सैनी ने लोकतंत्र सेनानी संगठन के अध्यक्ष महावीर भारद्वाज, सेवानिवृत्त IAS डॉ. एस.पी. गुप्ता, और श्रीचंद गुप्ता को उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया। महावीर भारद्वाज ने आपातकाल के दौरान अपने अनुभवों और यातनाओं को विस्तार से साझा किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि उस समय एक लाख स्वतंत्रता सेनानी इस आंदोलन में नहीं उतरते, तो आज भारत में लोकतंत्र की जगह तानाशाही होती।

भाजयुमो द्वारा हिपा में मॉक पार्लियामेंट

हिपा में आयोजित मॉक पार्लियामेंट का आयोजन भाजयुमो (भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा) द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शिरकत की और लोकतंत्र सेनानियों के बलिदान को याद किया। उन्होंने आपातकाल के उस दर्दनाक समय को देश के इतिहास का एक काला अध्याय बताया, जब नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया था।

गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इन कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री के साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे, जिनमें खेल मंत्री गौरव गौतम, राज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, गुरुग्राम विधायक मुकेश शर्मा, सोहना विधायक तेजपाल तंवर, पटौदी विधायिका बिमला चौधरी और अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल थीं। सभी ने मिलकर आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष करने वाले सेनानियों को श्रद्धांजलि दी।

एक सीख और स्मरण

यह कार्यक्रम न केवल आपातकाल के भयावह दौर की याद दिलाता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि कैसे लोकतंत्र को बचाने के लिए नागरिक एकजुट हुए थे। यह युवा पीढ़ी को संविधान और मौलिक अधिकारों के महत्व को समझने की प्रेरणा देता है, ताकि भविष्य में कभी भी ऐसी स्थिति न आए।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.