अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी में बनेगा भव्य जानकी मंदिर, ₹1000 करोड़ होंगे खर्च

माता सीता की जन्मभूमि पर बनेगा भव्य मंदिर, बदल जाएगी सीतामढ़ी की तस्वीर

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समग्र समाचार सेवा
पटना, 30 जून: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद अब माता सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी में भी एक भव्य मंदिर बनाने की तैयारी चल रही है। यह मंदिर अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर ही बनाया जाएगा और इस पर लगभग ₹1000 करोड़ का खर्च आएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सीतामढ़ी की पहचान और विकास को भी एक नई दिशा मिलेगी।

अयोध्या की तरह भव्य होगा निर्माण

अयोध्या के राम मंदिर की सफलता से प्रेरित होकर, सीतामढ़ी में भी एक विशाल और भव्य जानकी मंदिर बनाने की योजना है। इस मंदिर का निर्माण भी पारंपरिक नागर शैली में किया जाएगा, जिसमें भारतीय स्थापत्य कला की झलक दिखेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए ₹1000 करोड़ की लागत का अनुमान है, जो इसे भारत के सबसे बड़े धार्मिक निर्माणों में से एक बनाता है।

राम मंदिर ट्रस्ट की तरह बनेगा नया ट्रस्ट

इस भव्य मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए एक नया ट्रस्ट बनाने का प्रस्ताव है। यह ट्रस्ट अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरह ही काम करेगा। यह ट्रस्ट मंदिर के निर्माण, धन जुटाने और धार्मिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए जिम्मेदार होगा। ट्रस्ट का गठन होने के बाद ही निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत होगी।

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

सीतामढ़ी, जिसे माता सीता की जन्मभूमि माना जाता है, के लिए यह परियोजना एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। भव्य जानकी मंदिर बनने से यहाँ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि होगी। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। यह न केवल एक धार्मिक केंद्र बनेगा, बल्कि पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र भी बन जाएगा।

क्या बदल जाएगी सीतामढ़ी की पहचान?

यह परियोजना सिर्फ एक मंदिर का निर्माण नहीं है, बल्कि सीतामढ़ी के पूरे क्षेत्र को एक नई पहचान देने की पहल है। भव्य मंदिर, बेहतर बुनियादी ढाँचा और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विकास, ये सब मिलकर सीतामढ़ी को एक महत्वपूर्ण धार्मिक नगरी के रूप में स्थापित करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह प्रोजेक्ट कैसे माता सीता के महत्व को पुनर्जीवित करता है और उन्हें भगवान राम के साथ एक समान धार्मिक सम्मान दिलाता है।

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