आपातकाल के 50 साल: लोकतंत्र सेनानियों ने पेंशन और JP संग्रहालय की माँग उठाई

दिल्ली में आयोजित हुआ सम्मेलन, जहाँ जेपी सेनानियों ने सुनाया संघर्ष का इतिहास

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 जून:  25 जून, 2025 को भारत के इतिहास के एक काले अध्याय के 50 साल पूरे होने पर, नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक विशेष सम्मेलन और संवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया। संपूर्ण क्रांति राष्ट्रीय मंच और लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश भर से आए जेपी सेनानियों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने संघर्ष, त्याग और बलिदान को याद किया।

जेपी सेनानियों ने रखी अपनी माँगें

कार्यक्रम की शुरुआत में, लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिन्हा ने जेपी सेनानियों को स्वतंत्रता सेनानियों के बराबर सम्मान देने की माँग रखी। उन्होंने सरकार से इन सेनानियों को पेंशन, चिकित्सा सुविधा और अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएँ प्रदान करने का आग्रह किया। इसके साथ ही, उन्होंने दिल्ली में लोकनायक जयप्रकाश नारायण का अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय एवं शोध संस्थान स्थापित करने की भी मांग की, जिसका सभागार में मौजूद सभी लोगों ने तालियों से स्वागत किया।

सत्ता के दुरुपयोग के ख़िलाफ़ आवाज़

इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि और वक्ताओं ने एकमत से अपनी राय रखी। भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री सूर्यकांत केलकर, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री विजय गोयल, डॉ. सत्य नारायण जटिया और अन्य वक्ताओं ने कहा कि 50 साल पहले आपातकाल थोपकर भारत की अस्मिता और लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश की गई थी। लाखों लोगों ने इस तानाशाही शासन से मुक्ति दिलाने, संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।

नई पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराना ज़रूरी

वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि नई पीढ़ियों को आपातकाल के इतिहास और उस दौरान किए गए बलिदानों के बारे में अवगत कराना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि आज के राजनेताओं को वोट बैंक की राजनीति में सांप्रदायिकता और जातीयता को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। जेपी के अनुयायियों ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए जो लड़ाई लड़ी और जो शहादत दी, उसे इतिहास के पन्नों से मिटाने की साज़िश नहीं होनी चाहिए।

लोकतंत्र सेनानियों को मिले स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा

सम्मेलन में एक प्रमुख मांग यह भी रही कि जेपी सेनानियों और लोकतंत्र सेनानियों को आज़ादी की दूसरी लड़ाई लड़ने वालों के रूप में स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाए। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से समान पेंशन, चिकित्सा सुविधा और अन्य लाभ प्रदान करने का भी आग्रह किया। यह सम्मेलन दिल्ली के गणमान्य नागरिकों की मौजूदगी में पूरी तरह से खचाखच भरा था, जो इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है।

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