27 जून दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष
राजकीय अवरोध दूर होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धर्म-कर्म में मन लगेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।

🐂वृष
समाजसेवा में रुझान रहेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। पुरानी व्याधि से परेशानी हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। समय अनुकूल है। लाभ लें। प्रमाद न करें।

👫मिथुन
विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। कोई बड़ी बाधा से सामना हो सकता है। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। रुका हुआ धन मिल सकता है। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। किसी अपने के व्यवहार से दु:ख होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी का ध्यान खुद की तरफ खींच पाएंगे।

🦀कर्क
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। यात्रा में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। स्वास्थ्‍य पर बड़ा खर्च हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। आय में कमी रहेगी। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी।

🐅सिंह
प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट से कार्य में रुकावट होगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। निवेश में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। जरूरी वस्तु गुम हो सकती है।

🙍‍♀️कन्या
दूर से अच्‍छी खबर प्राप्त हो सकती है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। कोई बड़ा काम करने की योजना बनेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर में अतिथियों पर व्यय होगा। किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी।

⚖️तुला
मित्रों की सहायता कर पाएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता रहेगी। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। समय अनुकूल है। प्रसन्नता रहेगी।

🦂वृश्चिक
कोई बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक चिंताएं रहेंगी। मेहनत अधिक तथा लाभ कम होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। मातहतों का सहयोग नहीं मिलेगा। कुसंगति से बचें, हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। प्रमाद न करें।

🏹धनु
बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ के असवर हाथ आएंगे। यात्रा में सावधानी रखें। किसी पारिवारिक आनंदोत्सव में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद न करें। बेचैनी रहेगी।

🐊मकर
जीवनसाथी से कहासुनी हो सकती है। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर होगी। करियर बनाने के अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। पारिवारिक सहयोग से कार्य में आसानी होगी। दूसरों के कार्य में दखल न दें। प्रमाद से बचें।

🍯कुंभ
आशंका-कुशंका के चलते कार्य की गति धीमी रह सकती है। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्‍य की चिंता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ होगा।

🐟मीन
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में विशेषकर स्त्रियां सावधानी रखें। कार्यों की गति धीमी रहेगी। बु‍द्धि का प्रयोग करें। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। निराशा हावी रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। लाभ होगा।🌺 *श्री राम

जानकी पंचांगम्* 🌺
*दिनाँक:-27/06/2025,शुक्रवार*
द्वितीया, शुक्ल पक्ष,
आषाढ
“””””””””””””‘””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———– द्वितीया 11:18:47. तक
पक्ष————————– शुक्ल
नक्षत्र———- पुनर्वसु 07:20:54
योग———— व्याघात 21:09:03
करण———– कौलव 11:18:47
करण————- तैतुल 22:30:40
वार———————— शुक्रवार
माह———————— आषाढ
चन्द्र राशि——————- कर्क
सूर्य राशि—————— मिथुन
रितु————————— वर्षा
आयन—————— दक्षिणायण
संवत्सर——————–विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1947
कलि संवत—————– 5126

वृन्दावन
सूर्योदय—————- 05:27:22
सूर्यास्त—————– 19:17:15
दिन काल————– 13:49:52
रात्री काल————– 10:10:26
चंद्रोदय—————- 07:03:13
चंद्रास्त—————– 21:20:33

लग्न—- मिथुन 11°24′ , 71°24′

सूर्य नक्षत्र——————- आर्द्रा
चन्द्र नक्षत्र—————— पुनर्वसु
नक्षत्र पाया—————— रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

ही—- पुनर्वसु 07:20:54

ह—- पुष्य 13:05:26

हे—- पुष्य 18:52:30

हो—- पुष्य 24:42:12

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= मिथुन 11°49, आर्द्रा 2 घ
चन्द्र= कर्क 02°30 , पुनर्वसु 4 ही
बुध = कर्क 06°52 ‘ पुष्य 1 हु
शु क्र= मेष 27°05, कृतिका 1 अ
मंगल= सिंह 11°30 ‘ मघा 4 , मे
गुरु=मिथुन 09°30 आर्द्रा , 1 कु
शनि=मीन 07°48 ‘ उ o भा o , 2 थ
राहू=(व) कुम्भ 27°58 पू o भा o, 3 दा
केतु= (व) सिंह 27°58 उ oफा o 1 टे
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 10:39 – 12:22 अशुभ
यम घंटा 15:50 – 17:34 अशुभ
गुली काल 07:11 – 08:55 अशुभ
अभिजित 11:55 – 12:50 शुभ
दूर मुहूर्त 08:13 – 09:09 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:50 – 13:45 अशुभ
वर्ज्यम 15:01 – 16:33 अशुभ
प्रदोष 19:17 – 21:20. शुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 05:27 – 07:11 शुभ
लाभ 07:11 – 08:55 शुभ
अमृत 08:55 – 10:39 शुभ
काल 10:39 – 12:22 अशुभ
शुभ 12:22 – 14:06 शुभ
रोग 14:06 – 15:50 अशुभ
उद्वेग 15:50 – 17:34 अशुभ
चर 17:34 – 19:17 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 19:17 – 20:34 अशुभ
काल 20:34 – 21:50 अशुभ
लाभ 21:50 – 23:06 शुभ
उद्वेग 23:06 – 24:22* अशुभ
शुभ 24:22* – 25:39* शुभ
अमृत 25:39* – 26:55* शुभ
चर 26:55* – 28:11* शुभ
रोग 28:11* – 29:28* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 05:27 – 06:37
बुध 06:37 – 07:46
चन्द्र 07:46 – 08:55
शनि 08:55 – 10:04
बृहस्पति 10:04 – 11:13
मंगल 11:13 – 12:22
सूर्य 12:22 – 13:31
शुक्र 13:31 – 14:41
बुध 14:41 – 15:50
चन्द्र 15:50 – 16:59
शनि 16:59 – 18:08
बृहस्पति 18:08 – 19:17

🚩होरा, रात
मंगल 19:17 – 20:08
सूर्य 20:08 – 20:59
शुक्र 20:59 – 21:50
बुध 21:50 – 22:41
चन्द्र 22:41 – 23:32
शनि 23:32 – 24:22
बृहस्पति 24:22* – 25:13
मंगल 25:13* – 26:04
सूर्य 26:04* – 26:55
शुक्र 26:55* – 27:46
बुध 27:46* – 28:37
चन्द्र 28:37* – 29:28

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मिथुन > 04:40 से 06:50 तक
कर्क > 06:50 से 09:10 तक
सिंह > 09:10 से 11:30 तक
कन्या > 11:30 से 13:44 तक
तुला > 13:44 से 16:00 तक
वृश्चिक > 16:00 से 18:20 तक
धनु > 18:20 से 20:34 तक
मकर > 20:34 से 22:16 तक
कुम्भ > 22:16 से 23:36 तक
मीन > 23:36 से 00:58 तक
मेष > 00:58 से 02:50 तक
वृषभ > 02:50 से 04:42 तक
=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————- पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

2 + 6 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य मुख हुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सान्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*सर्वार्थ सिद्ध योग 7:21 तक
*श्री जगन्नाथ रथ यात्रा (उड़ीसा)
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः ।
न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये वको यथा ।।
।।चाo नीo।।

जो माता व् पिता अपने बच्चों को शिक्षा नहीं देते है वो तो बच्चों के शत्रु के सामान हैं। क्योंकि वे विद्याहीन बालक विद्वानों की सभा में वैसे ही तिरस्कृत किये जाते हैं जैसे हंसो की सभा मे बगुले।

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18
यतः प्रवृत्तिर्भूतानां येन सर्वमिदं ततम्‌।
स्वकर्मणा तमभ्यर्च्य सिद्धिं विन्दति मानवः॥

जिस परमेश्वर से संपूर्ण प्राणियों की उत्पत्ति हुई है और जिससे यह समस्त जगत्‌ व्याप्त है (जैसे बर्फ जल से व्याप्त है, वैसे ही संपूर्ण संसार सच्चिदानंदघन परमात्मा से व्याप्त है), उस परमेश्वर की अपने स्वाभाविक कर्मों द्वारा पूजा करके (जैसे पतिव्रता स्त्री पति को सर्वस्व समझकर पति का चिंतन करती हुई पति के आज्ञानुसार पति के ही लिए मन, वाणी, शरीर से कर्म करती है, वैसे ही परमेश्वर को ही सर्वस्व समझकर परमेश्वर का चिंतन करते हुए परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार मन, वाणी और शरीर से परमेश्वर के ही लिए स्वाभाविक कर्तव्य कर्म का आचरण करना ‘कर्म द्वारा परमेश्वर को पूजना’ है) मनुष्य परमसिद्धि को प्राप्त हो जाता है

आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुम्बई

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