बिहार चुनाव 2025: वीआईपी, आरएलएम और जन सुराज को मिले चुनाव चिन्ह
सियासी दंगल में चुनाव चिन्हों की जंग
समग्र समाचार सेवा
पटना, 26 जून: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और इसी के साथ पार्टियों को अपने चुनाव चिन्हों का आवंटन भी शुरू हो गया है। हाल ही में, चुनाव आयोग ने कुछ प्रमुख दलों के चुनाव चिन्हों की पुष्टि की है, जिससे उनकी चुनावी तैयारियों को नई गति मिली है।
मुकेश सहनी की वीआईपी को ‘नाव’ वापस मिली
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के सुप्रीमो मुकेश सहनी के लिए यह एक बड़ी जीत है। उनकी पार्टी को एक बार फिर से ‘नाव’ का चुनाव चिन्ह मिल गया है। यह चिन्ह वीआईपी के लिए केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का विषय है। पार्टी इसे बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के संविधान की जीत मान रही है। मुकेश सहनी ने पहले ही घोषणा की है कि वीआईपी राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ महागठबंधन का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ेगी।
उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को ‘गैस सिलेंडर’ मिला
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को स्थायी रूप से ‘गैस सिलेंडर’ का चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है। इस फैसले से आरएलएम कार्यकर्ताओं और नेताओं में खुशी की लहर है। यह चिन्ह पार्टी को अपनी पहचान स्थापित करने में मदद करेगा और मतदाताओं के बीच एक स्पष्ट संदेश देगा।
प्रशांत किशोर के जन सुराज को ‘स्कूल बैग’ मिला
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को भी चुनाव आयोग से बड़ी राहत मिली है। उनकी पार्टी को ‘स्कूल बैग’ का चुनाव चिन्ह बरकरार रखने की अनुमति मिल गई है। यह चिन्ह जन सुराज के लिए एक मजबूत पहचान के रूप में काम करेगा।
चुनाव चिन्हों का महत्व
चुनाव चिन्ह किसी भी राजनीतिक दल के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, खासकर भारतीय चुनावी प्रणाली में जहाँ साक्षरता दर और ग्रामीण मतदाताओं की संख्या अधिक है। एक विशिष्ट और यादगार चुनाव चिन्ह मतदाताओं को उम्मीदवार और पार्टी की पहचान करने में मदद करता है। इन स्थायी आवंटनों से अब ये पार्टियाँ बिना किसी भ्रम के अपनी चुनावी रणनीति बना सकेंगी और सभी निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही चिन्ह का उपयोग कर सकेंगी। यह न केवल अभियान को सरल बनाएगा बल्कि मतदाताओं के लिए भी पहचान प्रक्रिया को आसान करेगा।