
हे युगपुरुष,
हे पथ प्रदर्शक,
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गौरव भरा जिसका सफर!
अपूर्णता में पूर्णता,
हर भाव तेरा था निडर!
उन्मुक्त पंछी बन
गगन का,
चीर कर
काली घटा,
बन दिवाकर किरणों से,
विश्व को दी
स्वर्णिम छटा
दी दिशा
कोटि कदमों को ,
किया
भविष्य भारत
का उज्जवल ,
कर्तव्य पथ पर
रह अडिग,
अचल,
अविरल और अटल ..
है उभरना तुझे,
ये विश्व है ,
तेरा पटल
शीश रख ,
हिमालय सा,
निज पथ पे रहना है अटल..
विषधर भरे हैं ,
यत्र-तत्र,
मां भारती पुकारती
सीमा पे ,
प्रहरी संभल,
रेखाएं ,
तुम्हें हैं निहारती
संकट
अभी टला नहीं,
शत्रु ,
अभी हिला नहीं
हर वार ,
करना हो विफल,
तो रह अटल.
तो रह अटल।
प्रगति मार्ग,
है प्रशस्त,
न होने देना ,
सूर्य अस्त
बलिष्ठ बल ,
प्रयोग कर,
कलम से ,
लिख या उठा शस्त्र
सिंह को ,
जगा गया,
अलख ,
कोई जला गया
नेतृत्व पर
विश्वास रख,
मुमकिन
का मान रख,
कठिन है राह,
मन मत मचल
रह अटल,
तू रह अटल…
रह अटल…
तू बन अटल…
निधि गुप्ता
डायरेक्टर- इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन इंजीनियरिंग कंपनी
वरिष्ठ उपाध्यक्ष- ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन
वरिष्ठ उपाध्यक्ष- द्वारका अग्रवाल महासभा
समाजसेविका व पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता