पीएम मोदी को साइप्रस में मिला अप्रत्याशित भारतीय सम्मान

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समग्र समाचार सेवा
दिल्ली, 17 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया साइप्रस यात्रा के दौरान उन्हें एक ऐसा सम्मान मिला, जिसने भारतीय संस्कृति के प्रति वैश्विक आकर्षण को एक बार फिर उजागर किया। यह घटना न केवल भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रमाण है, बल्कि दुनिया भर में हमारी ‘परंपरा’ और ‘सभ्यतागत जड़ों’ के प्रति बढ़ते सम्मान को भी दर्शाती है।

निकोसिया की पार्षद ने छुए पीएम मोदी के पैर
साइप्रस के ऐतिहासिक निकोसिया केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए, निकोसिया परिषद की सदस्य, माइकल किथ्रेओती म्हालपा ने सम्मान के प्रतीक के रूप में उनके पैर छुए। यह अप्रत्याशित लेकिन दिल को छू लेने वाला पल था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस भाव की सराहना की और भारतीय संस्कृति के उनके ज्ञान की प्रशंसा भी की।

विश्व मंच पर भारत का बढ़ता मान
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी को इस तरह का सम्मान मिला है। इससे पहले, पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने भी अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी के पैर छुए थे। ये घटनाएँ स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल भारत की शक्ति को बढ़ाया है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा और कद को भी असाधारण रूप से ऊंचा किया है।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान और वैश्विक पहचान
यह ऐसे समय में हो रहा है जब भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सभ्यतागत मूल्यों को दुनिया के सामने सशक्त रूप से प्रस्तुत कर रहा है। पीएम मोदी की विदेश यात्राएं न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करती हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और ‘परंपरा’ को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाती हैं। माइकल किथ्रेओती म्हालपा और जेम्स मारापे जैसे नेताओं का यह भाव भारत के ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के सिद्धांत का ही प्रतिरूप है, जहां पूरा विश्व एक परिवार के रूप में देखा जाता है।

साइप्रस में मिली यह ‘अचानक नमस्ते’ प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक स्वीकार्यता और भारत की सांस्कृतिक कूटनीति की सफलता का प्रतीक है। यह निश्चित रूप से भारतीय होने के नाते हम सभी के लिए गर्व का क्षण है।

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