समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 14 जून: असम में राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है, जहाँ सत्तारूढ़ NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के दो उम्मीदवार – भाजपा के कानाड पुरकायस्थ और असम गण परिषद (AGP) के बीरेंद्र प्रसाद वैश्य – राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिए गए हैं। विपक्षी दलों ने इन चुनावों के लिए कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया, जिससे एनडीए की यह जीत सुनिश्चित हुई।
निर्वाचन प्रक्रिया
नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि गुरुवार थी। निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि दोनों उम्मीदवारों को निर्विरोध चुने जाने की घोषणा की गई है, क्योंकि विपक्ष की ओर से कोई उम्मीदवार नहीं था।
नए और अनुभवी चेहरे का संगम
कानाड पुरकायस्थ, जो भाजपा की राज्य इकाई के सचिव हैं, पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। वह अपने पिता, पूर्व केंद्रीय मंत्री कबींद्र पुरकायस्थ की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उनके चयन को भाजपा की युवा और सक्रिय नेतृत्व को बढ़ावा देने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं, बीरेंद्र प्रसाद वैश्य, असम गण परिषद के एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं और यह तीसरी बार है जब उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया है। वैश्य ने लोकसभा में भी एक कार्यकाल पूरा किया है, जो उनके व्यापक राजनीतिक अनुभव को दर्शाता है। उनका निर्विरोध चुनाव असम गण परिषद और एनडीए गठबंधन के भीतर उनके कद को मजबूत करता है।
राज्यसभा चुनाव
असम से दो राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव आवश्यक हो गया था, क्योंकि बीरेंद्र प्रसाद वैश्य और भाजपा के रंजन दास का कार्यकाल 14 जून को समाप्त हो रहा था। असम से राज्यसभा की सात सीटें हैं, जिनमें से चार भाजपा के पास हैं और एक-एक सीट उसके सहयोगी दलों असम गण परिषद और यूपीपीएल के पास है। एक सीट पर निर्दलीय सांसद का कब्जा है।
एनडीए के लिए बड़ी राजनीतिक जीत
कानाड पुरकायस्थ और बीरेंद्र प्रसाद वैश्य का निर्विरोध चुना जाना असम में एनडीए के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत है। यह राज्य में गठबंधन की मजबूत और एकजुट स्थिति को दर्शाता है। इन दोनों नेताओं के राज्यसभा में पहुंचने से असम के विकास और उसके हितों की प्रभावी ढंग से वकालत करने में मदद मिलेगी। यह परिणाम आगामी राजनीतिक लड़ाइयों के लिए एनडीए के मनोबल को और बढ़ाएगा।