जम्मू-कश्मीर: आतंकी संगठनों से संबंध के चलते एलजी मनोज सिन्हा ने तीन सरकारी कर्मचारियों को किया बर्खास्त

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समग्र समाचार सेवा                                                                                                                                                                                                                         जम्मू-कश्मीर,4 जून :  प्रशासन ने एक बार फिर आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को दोहराते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में तीन सरकारी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत की गई, जिसमें सरकार को बिना विभागीय जांच के भी किसी कर्मचारी को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में बर्खास्त करने का अधिकार है।

बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में से एक वन विभाग में कार्यरत रेंज ऑफिसर था, जिसे कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने, हथियार और विस्फोटक छिपाने तथा आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप में पकड़ा गया है। दूसरा कर्मचारी राजस्व विभाग में तैनात था, जो हिजबुल मुजाहिदीन के लिए जमीनी स्तर पर भर्ती अभियान चला रहा था। तीसरा बर्खास्त कर्मचारी शिक्षा विभाग में कार्यरत था, जिस पर आतंकियों के संपर्क में रहकर सूचनाएं लीक करने और उन्हें रसद सहायता देने के गंभीर आरोप हैं।

इन कर्मचारियों की गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। जांच में इनके आतंकी संगठनों से गहरे संबंध और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के पर्याप्त प्रमाण मिले, जिसके बाद एलजी कार्यालय ने यह कठोर निर्णय लिया।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन किसी भी रूप में आतंकवाद या उसके समर्थकों को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र में छिपे राष्ट्रविरोधी तत्वों की पहचान कर उन्हें हटाना हमारी प्राथमिकता है, ताकि जनता में विश्वास बना रहे और आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके।

इस कार्रवाई के बाद पूरे प्रशासनिक ढांचे में एक सख्त संदेश गया है कि सरकार अब आतंकी सहानुभूति रखने वालों पर कोई नरमी नहीं बरतेगी। यह निर्णय न केवल कानून-व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि घाटी में सामान्य जनजीवन को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

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