रूस से हथियार खरीद और ब्रिक्स में बने रहना अमेरिका को नहीं भा रहा, बोले ट्रंप प्रशासन के मंत्री

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समग्र समाचार सेवा                                                                                                                                                                                                                            वाशिंगटन,4 जून : अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भारत की रूस से सैन्य उपकरण खरीद और ब्रिक्स संगठन में सक्रिय भागीदारी को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये गतिविधियाँ अमेरिका को “खटकती” हैं और इस तरह “दोस्ती नहीं बनती”।

लुटनिक ने वाशिंगटन डीसी में आयोजित US-India Strategic Partnership Forum में कहा, जब आप अपनी सैन्य ज़रूरतें रूस से पूरी करते हैं, तो यह अमेरिका को परेशान करता है। अगर आप ब्रिक्स जैसे समूह में सक्रिय रहकर डॉलर को किनारे करना चाहते हैं, तो यह दोस्ती का तरीका नहीं है।”

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन लंबे समय से भारत की रूस से रक्षा खरीद पर आपत्ति जताता रहा है। साथ ही, अमेरिका को ब्रिक्स देशों की डॉलर-विरोधी नीतियों से भी परेशानी रही है। लुटनिक ने कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य “डॉलर की महत्ता को चुनौती देना” है, जो अमेरिका को रास नहीं आता।

हालाँकि भारत ने ब्रिक्स के माध्यम से डॉलर को चुनौती देने के आरोपों को कई बार खारिज किया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मार्च में कहा था, “हमारा उद्देश्य डॉलर को हटाना नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है।”

लुटनिक ने आगे कहा कि ट्रंप प्रशासन और भारत सरकार इन संवेदनशील मुद्दों पर सीधा संवाद कर रहे हैं और एक सकारात्मक समाधान की ओर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने संकेत दिया कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता भी जल्द ही अंतिम रूप ले सकता है।

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