समग्र समाचार सेवा
कोलकाता 22 मई : मुर्शिदाबाद में अप्रैल महीने में भड़की हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट की ओर से गठित तीन-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी है। रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक मेहबूब आलम का नाम सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी और इंडिया गठबंधन पर सीधा हमला करते हुए कहा, “जब रिपोर्ट में आपके ही विधायक का नाम है, तो अब कब अपने नेताओं पर कार्रवाई करेंगी ममता जी?” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि TMC नेताओं द्वारा बीजेपी का मज़ाक उड़ाने वाले बयानों पर मुख्यमंत्री को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए।
त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि TMC ने हिंसा के पीछे बाहरी तत्वों को जिम्मेदार बताने की कोशिश की, जबकि हाईकोर्ट समिति की रिपोर्ट ने इसे खारिज करते हुए पार्टी से जुड़े स्थानीय नेताओं की भूमिका उजागर की है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट तथाकथित ‘धर्मनिरपेक्षता के स्वयंभू ठेकेदारों’ का असली चेहरा सामने लाती है।
गौरतलब है कि यह हिंसा 11 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की थी। उस समय टीएमसी नेताओं ने भाजपा पर स्थिति को बिगाड़ने का आरोप लगाया था। अब जब समिति ने मेहबूब आलम की संलिप्तता की बात कही है, तो बीजेपी इसे सत्तारूढ़ दल की असलियत बताकर राजनीतिक हमला तेज कर रही है।
क्या ममता बनर्जी अपने विधायक पर कार्रवाई करेंगी? क्या वक्फ एक्ट पर हुई हिंसा के लिए कोई जिम्मेदारी तय होगी? यह आने वाले दिनों में बंगाल की राजनीति को और गर्मा सकता है।