इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: संभल मस्जिद कमेटी को करारा झटका, खारिज हुई पुनर्विचार याचिका!

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 मई ।
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले से एक बड़ी और सनसनीखेज खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी की उस रिव्यू पिटीशन (पुनर्विचार याचिका) को सख्ती के साथ खारिज कर दिया है, जिसे लेकर पिछले कई हफ्तों से कानूनी गलियारों में सरगर्मी बनी हुई थी। कोर्ट के इस निर्णय को मस्जिद कमेटी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

संभल की एक प्रमुख मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद ने तब तूल पकड़ा जब अदालत के पहले दिए गए आदेश को मस्जिद कमेटी ने चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल की। कमेटी की ओर से यह तर्क दिया गया कि पूर्ववर्ती आदेश में कुछ अहम बिंदुओं को नजरअंदाज़ किया गया है, और इससे धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं।

लेकिन अदालत ने अपने कड़े रुख में साफ कहा कि पुनर्विचार का कोई ठोस आधार नहीं है और पहले का फैसला पूरी तरह कानूनी और तथ्यों पर आधारित था। हाईकोर्ट ने यह भी दोहराया कि “न्याय की गरिमा के नाम पर किसी भी कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”

इस फैसले के बाद न केवल संभल बल्कि पूरे प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं, वहीं स्थानीय नेताओं के बयानों से माहौल और गरमा गया है।

मस्जिद कमेटी ने अदालत के फैसले पर “निराशा” ज़ाहिर करते हुए कहा है कि वे आगे की कानूनी प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं। कमेटी के एक सदस्य ने कहा, “हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है लेकिन हम अपनी धार्मिक पहचान के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे।”

संभल की जनता इस पूरे घटनाक्रम को लेकर दो खेमों में बंटी हुई नज़र आ रही है। कुछ लोग कोर्ट के फैसले को न्यायोचित मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे धार्मिक भावना से जोड़कर देख रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला न केवल एक कानूनी पड़ाव है, बल्कि यह एक बड़ा संदेश भी है कि धार्मिक और संवेदनशील मामलों में भी कानून ही सर्वोपरि रहेगा। अब देखना होगा कि मस्जिद कमेटी अगला कदम क्या उठाती है और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।

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