दुबई में धमाकेदार आगाज़! इंडो-यूएई कॉन्क्लेव से बदलेगा व्यापार, तकनीक और टूरिज़्म का भविष्य — रिश्तों को मिलेगी नई ऊंचाई!
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15 मई । दुबई की चमकती रेत पर आज सिर्फ धूप नहीं, बल्कि भारत और यूएई की साझेदारी की नई रोशनी बिखरी है! इंडो-यूएई कॉन्क्लेव का भव्य आगाज़ हो चुका है — और इसके साथ ही दुनिया की दो बड़ी आर्थिक ताकतें एक नई उड़ान भरने को तैयार हैं!
दुबई के एक हाई-प्रोफाइल होटल में जब भारत और यूएई के टॉप बिजनेस लीडर्स, टेक आइकन्स, टूरिज़्म प्रमोटर्स और सरकारी प्रतिनिधि एक मंच पर आए — तो माहौल सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि क्रांतिकारी हो गया!
तीन दिन तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव में जिन विषयों पर चर्चा हो रही है, वे आने वाले समय में अरब सागर से लेकर डिजिटल स्पेस तक की दिशा तय करेंगे।
1. व्यापार की बात — अब सिर्फ तेल नहीं, टेक्नोलॉजी भी!
भारत और यूएई का व्यापार अब पारंपरिक तेल और रत्नों से आगे बढ़कर AI, फिनटेक, ई-कॉमर्स और स्टार्टअप इकोसिस्टम तक पहुंच चुका है।
“2024 में भारत-यूएई ट्रेड $85 बिलियन पार कर गया, अब लक्ष्य है $100 बिलियन क्लब!” – कॉन्क्लेव में एक मंत्री का बड़ा बयान।
कई अरबों डॉलर की डील्स और MOU की घोषणा हो चुकी है — जिसमें स्मार्ट शहरों से लेकर ग्रीन एनर्जी तक सब कुछ शामिल है।
2. टूरिज़्म की चमक — अबू धाबी से आगरा तक बढ़ेगा कदम
कॉन्क्लेव में भारत ने पेश किया अपना टूरिज़्म मैप — जहां “From Emirates to Himalayas” जैसे कैचफ्रेज़ ने ध्यान खींचा।
जल्द ही भारत और यूएई के बीच शुरू होंगे:
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नए सीज़नल फ्लाइट्स
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इंटरनेशनल टूर पैकेज साझेदारी
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फिल्म शूटिंग और क्रू क्रॉस सपोर्ट
यानी दुबई के लोग अब सीधे राजस्थान के महलों में शाही शादी रचा सकेंगे, और भारतीय पर्यटक अबू धाबी के डेजर्ट सफारी का मजा और सस्ता ले सकेंगे।
3. तकनीक की दुनिया — भारत की ब्रेनपावर, दुबई का इंफ्रास्ट्रक्चर!
दोनों देश मिलकर बना रहे हैं “डिजिटल ब्रिज” — जहां भारत के कोडर और इंजीनियर अब यूएई के लिए बनाएंगे:
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स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम
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क्लाउड-बेस्ड गवर्नेंस
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फिनटेक स्टार्टअप्स
“हम मिलकर मिडिल ईस्ट को वर्ल्ड टेक्नोलॉजी कैपिटल बना सकते हैं!” – एक भारतीय टेक सीईओ ने कॉन्क्लेव में कहा।
4. डिप्लोमैसी भी हाई लेवल पर
कॉन्क्लेव में भारत और यूएई के शीर्ष नेताओं के बीच बंद कमरों में उच्चस्तरीय बैठकें हुईं।
सूत्रों के अनुसार, डिफेंस और सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी नई साझेदारियों की नींव रखी गई है।
एक नया युग शुरू हो चुका है — इंडो-यूएई रिलेशन का युग, जिसमें सीमा नहीं, सिर्फ संभावनाएं हैं।
बोलचाल में नहीं, फ्लाइट्स, स्टार्टअप्स, फूड चेन, टूरिज़्म और टेक डील्स में दिखेगा अब असली रिश्ता।