समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली 14 मई :भारतीय वायुसेना द्वारा अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ को लेकर सरकार ने नया बयान जारी किया है। इस बयान में देश की रक्षा आत्मनिर्भरता, तेज़ रणनीतिक क्षमता और अत्याधुनिक तकनीकों की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया है।
ऑपरेशन की खास बात यह रही कि इसे नियंत्रण रेखा (LoC) या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार किए बिना अंजाम दिया गया। महज़ 23 मिनट में मिशन पूरा कर भारतीय वायुसेना ने दुश्मन को स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अब हर मोर्चे पर तैयार है।
जानिए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के 6 बड़े बिंदु:
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इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में बढ़त
भारतीय वायुसेना ने चीन निर्मित पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को जाम कर निष्क्रिय किया और सफलतापूर्वक मिशन पूरा किया। यह भारत की ईलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक में बढ़ती क्षमता को दर्शाता है। -
मल्टी-लेयर्ड डिफेंस का सफल उपयोग
भारत के स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम और अन्य नेटवर्क्स ने पश्चिमी और उत्तरी शहरों में ड्रोन और मिसाइल हमलों को सफलतापूर्वक विफल किया। -
सटीक वार, बिना नुकसान के
भारत ने लॉइटरिंग म्यूनिशन (कामिकाज़े ड्रोन) के माध्यम से पाकिस्तानी एयरबेस नूर खान और रहीमयार खान में हाई वैल्यू टार्गेट्स को तबाह किया। इस दौरान भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ। -
देशी रक्षा उद्योग की भूमिका
सरकार ने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज़, पॅरास डिफेंस जैसी कंपनियों के योगदान को सराहा। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया की भूमिका को भी प्रमुखता से स्वीकार किया गया। -
ISRO की निगरानी
ऑपरेशन में ISRO की 10 सक्रिय सैटेलाइट्स ने भारत की उत्तरी सीमा और तटीय इलाकों की रियल-टाइम निगरानी की। ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने कहा, “बिना सैटेलाइट और ड्रोन तकनीक के ऐसी सुरक्षा संभव नहीं थी।” -
दुश्मन की तकनीकों का पता और नियंत्रण
भारतीय बलों ने चीनी PL-15 मिसाइल और तुर्की निर्मित ड्रोन्स जैसे हथियारों को इंटरसेप्ट कर जब्त किया, जो दुश्मन की ओर से उपयोग में लाए गए थे।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने न केवल भारत की सैन्य तैयारी और तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन किया, बल्कि विश्व मंच पर भारत की रणनीतिक क्षमता का डंका भी बजा दिया।