मंगलूरु में हिंदू कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की दिनदहाड़े हत्या! शहर में बवाल के हालात, धारा 144 लागू, हाई अलर्ट पर पुलिस तंत्र

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समग्र समाचार सेवा
दिल्ली 2 मई 2025:
दक्षिण कन्नड़ जिले के मंगलूरु शहर में गुरुवार शाम एक ऐसा खौफनाक मंजर सामने आया, जिसने पूरे कर्नाटक को हिला कर रख दिया। हिंदू संगठन से जुड़े सक्रिय कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की दिनदहाड़े बेरहमी से हत्या कर दी गई। हमलावरों ने सरेआम, सड़क पर, चलती गाड़ी में घेरकर ताबड़तोड़ हमला किया—जिसके बाद शहर में तनाव की लहर दौड़ गई है।

अब मंगलूरु शहर कर्फ्यू जैसे हालातों में जी रहा है, क्योंकि हत्या के बाद उग्र विरोध की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।

पुलिस के मुताबिक, गुरुवार रात करीब 8:27 बजे, सुहास शेट्टी अपनी गाड़ी में पांच अन्य लोगों के साथ यात्रा कर रहे थे। जैसे ही वे किन्निपदवु क्रॉस के पास पहुंचे, दो वाहन—एक स्विफ्ट कार और एक पिकअप ट्रक—में सवार 5-6 हथियारबंद हमलावरों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया।

हमलावरों ने धारदार हथियारों से सुहास पर अंधाधुंध वार किए। लहूलुहान हालत में उन्हें आनन-फानन में ए.जे. अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हत्या के बाद हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं में जबरदस्त रोष देखा गया। पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने इसे “बर्बर और शर्मनाक हमला” करार दिया और राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए।

“अगर एक हिंदू कार्यकर्ता को दिनदहाड़े सरेआम मार दिया जाए, तो यह सरकार की विफलता का ज्वलंत प्रमाण है,” – बी.एस. येदियुरप्पा

उन्होंने आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।

पुलिस ने 1000 से अधिक जवान, KSRP की 22 प्लाटून, और पांच ज़िलों से अतिरिक्त SP की पोस्टिंग कर शहर को छावनी में तब्दील कर दिया है। हर गली, हर चौराहे पर पुलिस का पहरा है। इंटरनेट निगरानी बढ़ा दी गई है, और शव यात्रा पर रोक के बावजूद कुछ संगठनों के विरोध के चलते तनाव गहराता जा रहा है।

अब तक की जांच में हमलावरों की पहचान कर ली गई है और पुलिस ने मल्टीपल टीमें गठित कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
हालांकि हत्या के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह पूर्व नियोजित साजिश हो सकती है, और इसमें राजनीतिक या सांप्रदायिक एंगल की भी जांच की जा रही है।

एक बार फिर मंगलूरु ने देखा खून का खेल—दिनदहाड़े एक हिंदू कार्यकर्ता को मौत के घाट उतार दिया गया। सवाल उठता है—क्या कट्टरपंथी ताकतों के आगे राज्य का कानून बेबस हो गया है?
और क्या आने वाले दिन कर्नाटक की राजनीति में उबाल लेकर आएंगे?

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