“पहलगाम हमले में पाकिस्तानियों को मदद करने वाले कश्मीरियों का नाम आया सामने, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 14 लोकल नामों का किया खुलासा!”

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,28 अप्रैल। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ा खुलासा किया है। सुरक्षा अधिकारियों ने 14 स्थानीय कश्मीरियों के नामों का पर्दाफाश किया है, जिन्होंने पाकिस्तान के आतंकियों को हमले में सहायता प्रदान की थी। यह खुलासा स्थानीय आतंकवादी नेटवर्क की गहरी साजिश को उजागर करता है, जिसने घाटी में आतंक फैलाने की कोशिश की। इन कश्मीरी युवाओं के नाम से साबित हो गया है कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों का नेटवर्क अब कश्मीर के भीतर भी घातक रूप ले चुका है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, जिन 14 कश्मीरी युवाओं पर आरोप हैं, वे पाकिस्तान से आए आतंकियों के सहयोगी थे। इन नामों के सामने आने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मच गई है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इन लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और इन्हें जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है।
यह भी सामने आया है कि इन कश्मीरी युवाओं ने आतंकियों को रास्ता दिखाया, उन्हें सुरक्षा प्रदान की, और हमले के दौरान उन्हें स्थानीय मदद मुहैया कराई।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, यह घटना दर्शाती है कि पाकिस्तान से जुड़ा आतंकवादी नेटवर्क अब कश्मीर में स्थानीय सहयोगियों का भी इस्तेमाल कर रहा है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, यह युवा पाकिस्तान के आतंकियों के संपर्क में थे और उनसे कई बार संपर्क किया गया था। इन कश्मीरी युवाओं ने आतंकवादियों को घातक हमले करने के लिए तैयार किया और उन्हें स्थानीय मार्गों से सुरक्षित निकासी का रास्ता भी दिया।
जो नाम सामने आए हैं, वे सभी कश्मीर के विभिन्न इलाकों के रहने वाले हैं और इनमें से कई लोग युवा हैं जिनकी उम्र 20 से 32 वर्ष के बीच है। इन लोगों के नाम निम्नलिखित हैं:
-
मोहम्मद आदिल रहमान डेंटू (21)
-
मोहम्मद आसिफ अहमद शेख (28)
-
मोहम्मद एहसान अहमद शेख (23)
-
मोहम्मद हारिस नजीर (20)
-
मोहम्मद अमीर नजीर वानी (20)
-
मोहम्मद यावर अहमद भट
-
मोहम्मद आसिफ अहमद खांडे (24)
-
मोहम्मद नसीर अहमद वानी (21)
-
मोहम्मद शाहिद अहमद कुटे (27)
-
मोहम्मद अमीर अहमद डार
-
मोहम्मद अदनान साफी डार
-
मोहम्मद जुबैर अहमद वानी (39)
-
मोहम्मद हारून राशिद गनी (32)
-
मोहम्मद जकीर अहमद घानी (29)
हालांकि पाकिस्तान की कोशिशों को भारतीय सेना ने लगातार नाकाम किया है, लेकिन इस खुलासे ने यह साबित कर दिया कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों का नेटवर्क अब कश्मीर के भीतर भी मजबूत हो चुका है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अब आतंकवादियों को स्थानीय सहायता देने वाले इन युवाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस खुलासे से यह भी साफ हो गया है कि कश्मीर में आतंकवाद का खतरा केवल सीमा पार से नहीं, बल्कि भीतर से भी बढ़ रहा है। यह नए नाम स्थानीय नेटवर्क की खतरनाक साजिश को उजागर करते हैं, जो पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में आतंकवाद फैलाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
“भारत को जरा भी नहीं झुकने दिया जाएगा — आतंकवादियों के सभी नेटवर्क को खत्म किया जाएगा!”
भारतीय खुफिया एजेंसियों के इस खुलासे के बाद भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान और आतंकवादियों की किसी भी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा। अब भारतीय कश्मीर में आतंकवाद का नेटवर्क पूरी तरह से खत्म करने के लिए बड़े कदम उठाए जाएंगे।