सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ पांच याचिकाओं पर होगी सुनवाई, अन्य 65 याचिकाएं होंगी हस्तक्षेप याचिकाएं

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 अप्रैल।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर दायर लगभग 70 याचिकाओं में से केवल पांच याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि बाकी सभी याचिकाओं को हस्तक्षेप या पक्षकार बनाने के लिए याचिका (intervention or impleadment applications) के रूप में माना जाएगा।

यह निर्णय अदालत की कार्यवाही में भीड़ और भ्रम को रोकने के लिए लिया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन पांच याचिकाओं पर सुनवाई होगी, उन्हें याचिकाकर्ताओं की सहमति से नामित किया गया है।

ये हैं वे पांच मुख्य याचिकाएं:
अर्शद मदनी बनाम भारत संघ – अर्शद मदनी दारुल उलूम देवबंद के मौजूदा प्रमुख और इस्लामी विद्वान हैं।

मुहम्मद जमील मर्चेंट बनाम भारत संघ – मर्चेंट एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

मोहम्मद फजलुर्रहीम और अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य – फजलुर्रहीम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव हैं।

शेख नूरुल हसन बनाम भारत संघ एवं अन्य – मणिपुर नेशनल पीपल्स पार्टी के विधायक हैं।

असदुद्दीन ओवैसी बनाम भारत संघ – एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद हैं।

इस मामले में एडवोकेट एजाज मकबूल याचिकाकर्ताओं के नोडल वकील होंगे, जबकि एडवोकेट कानू अग्रवाल सरकार की ओर से और एडवोकेट विष्णु शंकर जैन अन्य आवेदकों की ओर से नोडल वकील नियुक्त किए गए हैं।

इस पूरे मामले को किसी याचिकाकर्ता के नाम से नहीं, बल्कि “In Re: The Waqf (Amendment) Act, 2025” के नाम से जाना जाएगा। इस पर 5 मई को अंतरिम आदेशों के लिए सुनवाई निर्धारित की गई है।

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