समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 मार्च। यह कहानी एक सनसनीखेज साजिश की है, जो गाजियाबाद जैसे शहर में घटित हुई और जिसने पूरे पुलिस सिस्टम को हिला कर रख दिया। एक दिन गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के दफ्तर में एक पत्र आया, जो किसी हाई कमिशनर के नाम पर था। इस पत्र में लिखा था कि “सल्तनत ऑफ धमाल ओमान” के हाई कमिशनर को गाजियाबाद में सुरक्षा और वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाए। जैसा कि होता है, किसी भी विदेशी अधिकारी को उच्च सुरक्षा और प्रोटोकॉल दिया जाता है, लेकिन यह पत्र जो आया था, उसमें कुछ खास था, जो एसएसपी को शक में डालने के लिए काफी था।
पत्र के अनुसार, उच्च अधिकारी गाजियाबाद आ रहे थे और पुलिस को उनके लिए तुरंत सुरक्षा कवर देने का आदेश था। सामान्यत: विदेशों से आए अधिकारियों के लिए मंत्रालय से आदेश आता है, लेकिन यह पत्र सीधे गाजियाबाद पुलिस को भेजा गया था। यही वह पल था जब एसएसपी साहब को समझ में आ गया कि कुछ तो गड़बड़ है। तुरंत उन्होंने अपने जूनियर अधिकारियों से संपर्क किया और मामला खोला।
एसएसपी ने पत्र की जांच शुरू की और पाया कि जो व्यक्ति गाजियाबाद आ रहा था, वह कोई हाई कमिशनर नहीं था, बल्कि एक ठग था, जिसने अपनी पहचान छिपाकर खुद को विदेशी राजनयिक के रूप में पेश किया था। लेकिन यह तो शुरुआत थी, असल सच्चाई तो बहुत चौंकाने वाली थी। इस ठग ने खुद को एक ऐसे उच्च रैंक के अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया था, जिसे सुरक्षा और वीआईपी ट्रीटमेंट मिलनी चाहिए थी। उसने गाजियाबाद पुलिस के अधिकारियों को धोखा दे दिया था, और पुलिस ने उसे बिना किसी जांच के सुरक्षा कवर दे दिया। इस धोखाधड़ी के कारण उसे पुलिस की वर्दी में प्रोटोकॉल का पूरा लाभ मिला, और वह अपनी मर्सिडीज़ में चलते हुए गाजियाबाद शहर में घूमता रहा।
यह पूरे मामले को सुलझाने में पुलिस को समय लगा, लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो सभी दंग रह गए। इस ठग का नाम था कर्नाटक के डीजीपी के साथ जुड़ा हुआ, और अब इसमें एक और चौंकाने वाली बात सामने आई। दरअसल, यह ठग डीजीपी साहब के परिवार से था, और उसका संबंध कर्नाटक के डीजीपी की बेटी से था। यह बात और भी चौंकाने वाली थी क्योंकि इस ठग ने पुलिस अधिकारियों को यह विश्वास दिला दिया था कि वह हाई कमिशनर है।
डीजीपी की बेटी, जो कन्नड़ फिल्मों की एक जानी-मानी अभिनेत्री थी, ने इस ठग के साथ मिलकर एक पूरी साजिश रची थी। वह दुबई से बार-बार गोल्ड की तस्करी कर रही थी और पुलिस को धोखा देने के लिए अपनी पहचान का इस्तेमाल कर रही थी। तीन महीने में 27 बार दुबई यात्रा करना किसी को भी शक में डाल सकता था, लेकिन उसने अपनी पहचान का गलत फायदा उठाया।
यह अभिनेत्री हमेशा वीआईपी ट्रीटमेंट का फायदा उठाती थी, और एयरपोर्ट पर कभी भी उसकी जांच नहीं होती थी। उसका पिता, जो कि कर्नाटक के डीजीपी थे, अपनी बेटी को हर बार सुरक्षा के काफिले में भेजते थे, और उसकी यात्रा पर किसी को शक नहीं होता था। लेकिन इस बार, एक खुफिया टीम ने उसे ट्रैक किया, और अब पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ।
यह अभिनेत्री गोल्ड तस्करी में संलिप्त थी, और उसके द्वारा लाए गए गोल्ड की कीमत करोड़ों में थी। हर यात्रा से वह 50 लाख रुपये तक कमा रही थी। उसकी ये 27 यात्राएँ एक स्मगलिंग नेटवर्क का हिस्सा थीं, जो भारत और दुबई के बीच चल रहा था। पुलिस ने जब इस पूरे मामले की तहकीकात की, तो पाया कि यह साजिश सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क की थी।
इस घटना के बाद, पुलिस ने डीजीपी के परिवार को भी जांच के घेरे में लिया, और डीजीपी साहब को तत्काल छुट्टी पर भेज दिया गया। अब सवाल यह था कि क्या डीजीपी साहब इस तस्करी नेटवर्क का हिस्सा थे, या फिर उनकी बेटी ने इसका पूरा फायदा उठाया? यह एक बड़ा सवाल था, और जांच जारी रही।
डीजीपी साहब की बेटी को गिरफ्तार किया गया और पूरे मामले में गहराई से जांच की गई। पुलिस ने पाया कि वह अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करती थी, और अपने पिता के प्रभाव के कारण उसे कोई भी जांच नहीं होती थी। अब यह सवाल उठ रहा था कि क्या डीजीपी साहब इस साजिश में शामिल थे, या फिर उन्होंने अपनी बेटी की गतिविधियों को जानकर भी अनदेखा किया?
यह पूरी कहानी एक बड़े घोटाले का हिस्सा थी, जिसमें एक अभिनेत्री, उसके पिता, और एक ठग ने मिलकर स्मगलिंग का एक बड़ा नेटवर्क चलाया था। पुलिस ने अब इस साजिश को उजागर कर दिया है, लेकिन यह सवाल अब भी कायम है कि क्या यह सिर्फ एक बेटी की गलती थी, या इसके पीछे किसी और की साजिश भी थी