सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: छोटे नागरिकों और व्यापारियों को बड़ी राहत

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 मार्च।
 हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है, जो छोटे नागरिकों और व्यापारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। यह फैसला उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो आर्थिक कठिनाइयों के कारण समय पर ईएमआई या क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं कर पाते हैं।

बैंक और CIBIL स्कोर अपडेट करने वाली एजेंसियां आमतौर पर देर से भुगतान करने वाले ग्राहकों पर भारी पेनल्टी लगाती हैं, जिससे उनका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है। यह स्कोर भविष्य में किसी भी प्रकार का लोन लेने की संभावनाओं को कमजोर कर देता है। कई बार लोग अनजाने में इस प्रक्रिया का शिकार हो जाते हैं और फिर उनसे ‘सेटलमेंट’ के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि बैंकों और CIBIL एजेंसियों को यह समझना होगा कि किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर केवल एक नंबर नहीं है, बल्कि इसके पीछे उसकी मेहनत और परिस्थितियाँ भी होती हैं।

यह देखा गया है कि बड़े उद्योगपतियों को लाखों-करोड़ों रुपये का लोन देकर उन्हें विदेश भागने दिया जाता है, जबकि छोटे व्यापारियों और आम नागरिकों को छोटी-छोटी रकम के लिए परेशान किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए बैंकों और CIBIL एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे छोटे व्यापारियों के साथ न्यायसंगत व्यवहार करें।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और अन्य स्टार्टअप योजनाओं का सही लाभ तभी मिलेगा, जब बैंक छोटे व्यापारियों के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाएंगे।

अब उम्मीद की जा रही है कि इस फैसले के बाद बैंकों का दृष्टिकोण बदलेगा और छोटे व्यवसायियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। साथ ही, सरकार को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे आर्थिक सुधारों का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंच सके।

यह निर्णय उन लाखों नागरिकों के लिए आशा की किरण है, जो अपने वित्तीय संकट से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

 

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