मेघालय को मिलेगी हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा, सीएम कॉनराड संगमा ने बांग्लादेश के साथ गठबंधन की घोषणा

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समग्र समाचार सेवा
शिलांग,7 मार्च।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने अपने बजट भाषण के दौरान राज्य के डिजिटल इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए एक रणनीतिक गठबंधन की घोषणा की। इस परियोजना के तहत, बांग्लादेश के माध्यम से हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाएगी। अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट गेटवे (IIG) परियोजना के साथ यह कदम मेघालय के तेजी से बढ़ते आईटी उद्योग को और मजबूत करने में सहायक होगा।

परियोजना की मुख्य विशेषताएँ

मुख्यमंत्री संगमा ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत बांग्लादेश के चटगांव में स्थित समुद्री केबल्स का उपयोग किया जाएगा, जिसमें मलेशियाई टेलीकॉम कंपनियों, बांग्लादेश सरकार और वहां की दूरसंचार एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा। इस साझेदारी के माध्यम से मेघालय को एक सीधा इंटरनेट कनेक्शन मिलेगा, जिससे राज्य के डिजिटल और आईटी सेक्टर को नया आयाम मिलेगा।

तकनीकी ढांचा और क्रियान्वयन

सीएम संगमा ने मीडिया से बातचीत में परियोजना के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेघालय की पॉवरटेल (PowerTel) – जो कि पॉवर ग्रिड की दूरसंचार इकाई है, और MePTCL टॉवर्स इस महत्वपूर्ण लिंक को स्थापित करने में मुख्य भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने बताया, “हम इस गेटवे को सीधे शिलांग के आईटी पार्क और न्यू शिलांग शहर से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही, हम एक अत्याधुनिक थ्री-टियर डेटा सेंटर और एकीकृत कमांड कंट्रोल सेंटर विकसित करेंगे।”

बेहतर इंटरनेट सेवा और संभावित चुनौतियाँ

इस परियोजना के जरिए राज्य में सस्ती और विश्वसनीय हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे न केवल डिजिटल क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी बल्कि स्थानीय व्यवसायों, स्टार्टअप्स और छात्रों को भी लाभ मिलेगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि इस परियोजना में कई चुनौतियाँ हैं क्योंकि इसमें विभिन्न एजेंसियों और सरकारों की समन्वय प्रक्रिया जटिल हो सकती है। “बांग्लादेश में कई एजेंसियों के साथ समन्वय की कुछ दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन हम इन चुनौतियों को दूर करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं,” उन्होंने कहा। संगमा ने यह भी खुलासा किया कि यह योजना पिछले साल से चल रही थी लेकिन इसे तब तक गुप्त रखा गया जब तक इसमें पर्याप्त प्रगति नहीं हुई।

डिजिटल समावेश की दिशा में बड़ा कदम

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में लगभग 98% प्रस्तावित टेलीकॉम टॉवर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में भी 4G कनेक्टिविटी उपलब्ध हो रही है। “आज 89% गांवों में कम से कम एक दूरसंचार तकनीक के माध्यम से कनेक्टिविटी है। हमारा लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में शेष गांवों को जोड़ना और इंटरनेट की बैंडविड्थ को और मजबूत करना है,” उन्होंने कहा।

निष्कर्ष

यह परियोजना मेघालय के ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी। इसके माध्यम से राज्य को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया जाएगा और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के बीच डिजिटल खाई को पाटने में सहायता मिलेगी। मेघालय की सरकार का यह कदम राज्य को एक डिजिटल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

 

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