समग्र समाचार सेवा
केरल, 31 अगस्त. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 31 अगस्त से 2 सितंबर तक केरल के पलक्कड़ जिले में तीन दिवसीय समन्वय बैठक आयोजित कर रहा है। इस बैठक में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और 2025 में संघ के शताब्दी वर्ष के मौके पर शुरू की जाने वाली विभिन्न पहलों पर भी विचार-विमर्श होगा।
बैठक की शुरुआत में वायनाड में हाल ही में हुई भूस्खलन की घटना और उस दौरान संघ कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए राहत कार्यों की जानकारी साझा की गई। संघ के कार्यकर्ताओं ने भूस्खलन प्रभावित लोगों की सहायता के लिए किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला।
आरएसएस की इस समन्वय बैठक में संघ से प्रेरित 32 संगठनों के करीब 320 कार्यकर्ता भाग लेंगे। हालांकि, यह संघ की कार्यकारी बैठक नहीं है, बल्कि विभिन्न संगठनों की बैठक है, जिसमें संगठन के कार्यकर्ता अपने अनुभव साझा करेंगे और अपने-अपने कार्यक्षेत्र की जानकारी देंगे।
बैठक में राष्ट्रीय हित के विभिन्न मुद्दों के साथ ही बांग्लादेश में हाल में हुए घटनाक्रम पर भी चर्चा होगी। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि सामाजिक बदलाव के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जाएगा और महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा की जाएगी।
2025 में अपने शताब्दी वर्ष के अवसर पर, आरएसएस विजयादशमी के दिन पांच प्रमुख नई पहलों की शुरुआत करेगा। इनमें सामाजिक समरसता, परिवार जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण, आत्मनिर्भरता, और नागरिक दायित्व शामिल होंगे।
- सामाजिक समरसता के तहत, संघ समाज में एकता और सामंजस्य बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- परिवार जागरूकता पहल के जरिए, संगठन परिवारों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदार बनाने के उपाय सुझाएगा।
- पर्यावरण संरक्षण अभियान के अंतर्गत, संघ पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने और जीवनशैली में बदलाव के लिए प्रेरित करेगा।
- आत्मनिर्भरता पहल के जरिए, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- नागरिक दायित्व के तहत, नागरिकों को उनके अधिकारों के साथ-साथ उनके कर्तव्यों की भी याद दिलाई जाएगी।
आरएसएस की यह बैठक राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर संवाद के साथ-साथ संगठन के आगामी कार्यों की दिशा तय करने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।