समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अगस्त। पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज 26 जुलाई से हुआ है और यह गेम्स 11 अगस्त तक चलने वाले हैं। पहले 9 दिनों (4 अगस्त तक) में भारतीय दल ने 3 कांस्य पदक अपने नाम किए हैं, जो देश के लिए गर्व की बात है। लेकिन इन सफलता के बीच, कई ऐसे मौके भी आए जब भारत पदक से चूक गया।
अब तक की उपलब्धियां
भारतीय दल ने ओलंपिक की शुरुआत में ही दमदार प्रदर्शन किया है। 3 कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों ने देश को गर्व का मौका दिया है। इनके नाम और इवेंट इस प्रकार हैं:
- दीपक पूनिया (कुश्ती)
- सिंधु पीवी (बैडमिंटन)
- मनु भाकर (शूटिंग)
पदक से चूकने के 5 महत्वपूर्ण मौके
1. मनु भाकर (शूटिंग)
मनु भाकर ने शूटिंग इवेंट में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन फाइनल राउंड में थोड़ी चूक के कारण वह पदक से चूक गईं। उन्होंने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया और उम्मीद है कि आने वाले इवेंट्स में वह पदक जरूर जीतेंगी।
2. निशांत देव (बॉक्सिंग)
निशांत देव ने बॉक्सिंग में अपनी धाक जमाई, लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में करीबी हार के कारण वह पदक से वंचित रह गए। निशांत ने अपने कठिन परिश्रम और खेल भावना से सभी का दिल जीत लिया।
3. दीपिका कुमारी (तीरंदाजी)
दीपिका कुमारी ने तीरंदाजी में अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। हालांकि, क्वार्टर फाइनल में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ अंकों की कमी के कारण वह पदक नहीं जीत सकीं।
4. अर्जुन बाबुता (शूटिंग)
अर्जुन बाबुता ने शूटिंग में कमाल का प्रदर्शन किया, लेकिन फाइनल राउंड में थोड़ी कमी के कारण वह पदक से चूक गए। उनकी प्रतिभा और मेहनत ने सभी को प्रभावित किया।
5. महिला हॉकी टीम
भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी जबरदस्त खेल दिखाया, लेकिन सेमीफाइनल और फिर ब्रॉन्ज मेडल मैच में हार के कारण वह पदक से चूक गईं। टीम ने अपनी खेल भावना और मेहनत से देशवासियों का दिल जीत लिया।
भविष्य की उम्मीदें
हालांकि भारत ने अब तक 3 कांस्य पदक जीते हैं, लेकिन ओलंपिक का सफर अभी बाकी है। भारतीय खिलाड़ियों से अभी और भी पदक की उम्मीदें हैं। आने वाले दिनों में कई और इवेंट्स हैं जिनमें भारतीय दल के खिलाड़ी पदक जीतने का दमखम रखते हैं।
निष्कर्ष
पेरिस ओलंपिक 2024 के पहले 9 दिनों में भारत ने 3 कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। हालांकि, कुछ मौकों पर पदक से चूकने का मलाल भी है, लेकिन खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने देशवासियों को गर्व महसूस कराया है। भारतीय दल के खिलाड़ी अभी भी पूरी कोशिश कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी पदक भारत की झोली में आएंगे। देशवासियों की दुआएं और समर्थन इन खिलाड़ियों के साथ हैं, जो उन्हें और भी मजबूती प्रदान करेगा।