योगी सरकार ने 12,209 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया, औद्योगिक विकास के लिए सर्वाधिक आवंटन

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समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 31 जुलाई। उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन योगी सरकार ने विधानसभा में 12,209 करोड़ 93 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट का आकार मूल बजट का 1.6 प्रतिशत है। बजट में सर्वाधिक 7500.81 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास के लिए आवंटित किए गए हैं।

इसी तरह, ऊर्जा विभाग के लिए 2000 करोड़ रुपये, परिवहन विभाग को नई बसें खरीदने के लिए 1000 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। नगर विकास विभाग की अमृत योजना की सहायता के लिए 600 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 200 करोड़ रुपये, ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपन जिम के लिए 100 करोड़ रुपये, माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत 284 राजकीय इंटर कॉलेजों में लैब की स्थापना के लिए 28.40 करोड़ रुपये, और 1040 राजकीय इंटर कॉलेजों में आईसीटी लैब की स्थापना के लिए 66.82 करोड़ रुपये की व्यवस्था अनुपूरक बजट में की गई है। इसके अलावा, संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 74.90 करोड़ रुपये और अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए 53.85 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इनमें आवासीय एवं अनावासीय भवनों के अनुरक्षण के लिए 2.79 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

महिलाओं व बच्चों के यौन उत्पीड़न पर सीएम योगी का जवाब: 2016 के मुकाबले अपराध कम हुए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में महिलाओं व बच्चों पर होने वाले यौन उत्पीड़न के आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जवाब देते हुए कहा कि इन मामलों में आरोपियों को सजा देने में यूपी देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश के हर जिले में एक महिला थाना बनाया गया है। अगर 2016 से तुलना की जाए तो प्रदेश में यौन उत्पीड़न के मामलों में 17.5 प्रतिशत की कमी आई है और दुष्कर्म के मामलों में 25 प्रतिशत की कमी आई है। मुख्यमंत्री योगी ने सपा विधायक द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिला सुरक्षा के प्रति पूरी तरह गंभीर है। यही कारण है कि सरकार ने सत्ता में आते ही एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया था और सबसे पहले इसका विरोध सपा ने ही किया था। उन्होंने कहा कि महिला और बाल अपराध निस्तारण में प्रदेश पहले नंबर पर है। प्रदेश के अंदर एक महिला थाना हर जनपद में स्थापित करने के साथ-साथ एक अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी महिला थानाध्यक्ष को सौंपी गई है। 2020 से हमारी सरकार प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान को आगे बढ़ा रही है। मिशन शक्ति के तहत पिछले 7 वर्षों में हमने करीब डेढ़ लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती की है। 2017 से पहले कुल 10,000 महिला पुलिस की भर्ती हुई थी। 2017 से 2023 तक जो भर्तियां हुई हैं, उनमें 20,000 महिला पुलिस की भर्ती हुई है। यानी आजादी के 70 वर्षों में जितनी भर्ती हुई, उससे दोगुनी भर्ती पिछले 5 वर्षों में हुई है। यह सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर है।

रसोइयों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय पर मुख्यमंत्री का बयान
परिषदीय स्कूलों में रसोइयों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2012 से 2017 तक प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और तब रसोइयों को जो मानदेय मिलता था, वह 500 रुपए से भी कम था। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने दूसरा अन्याय उनके साथ यह किया कि जिनके बच्चे नहीं पढ़ेंगे, उन्हें सेवा से हटा दिया जाएगा। वहीं, इनके चयन में भी भेदभाव होता था। हमारी सरकार ने 2022 में उनके मानदेय को न्यूनतम 2 हजार रुपए किया। इन सभी ने कोरोना कालखंड में अपनी सेवाओं के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक परिवार तक पहुंचाने में सराहनीय काम किया है। यही वजह है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री हों या आंगनबाड़ी सहयोगी हों, इन सबके मानदेय में वृद्धि भी की है और इन्हें टैबलेट से आच्छादित करने के साथ-साथ अतिरिक्त आय का प्रावधान भी किया है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सचिवालय का निर्माण किया है। इसका उद्देश्य यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गांव को ही स्वावलंबी बनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार किया जा सके। वहां पर कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में पंचायत सहायक रखा गया है। बीसी सखी रखी गई है, जो गांव के अंदर बैंकिंग लेनदेन का कार्य करती है। हमने 6 महीने के लिए उन्हें एक निश्चित मानदेय के साथ जोड़ा, लेकिन जब बैंक से उनका कमीशन बन गया, तो वह अच्छी आय अर्जित कर रही हैं।

सुल्तानपुर की एक बीसी सखी अब तक साढ़े 15 लाख रुपए से अधिक का कमीशन प्राप्त कर चुकी है। पंचायत सहायक को भी हम 6 हजार रुपए प्रतिमाह देते हैं। साथ ही जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और खतौनी की नकल और अन्य सभी योजनाओं को जिनकी वह ऑनलाइन सर्विस उपलब्ध करा रहा है, एक अतिरिक्त आय भी होती है।

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