दिल्ली के चांदनी चौक में हनुमान मंदिर तोड़ने पर विवाद, आपस में भिड़े आप औऱ भाजपा के कार्यकर्ता

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6जनवरी।
यहां चांदनी चौक में करीब 60 साल पुराने हनुमान मंदिर को तोड़ने पर पर विवाद पनप गया। इस विवाद में आम आदमी पार्टी और भाजपा नेता आमने-सामने आ गए हैं वहीं विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने चांदनी चौक पहुंचकर प्रदर्शन किया। इस मामले में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है। इससे पहले सोमवार को उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने कहा था कि हमने उपराज्यपाल से कहा है कि वे उच्च न्यायालय में प्रार्थना पत्र लगाकर मंदिर के पुनर्स्थापना के लिए अनुमति लें तथा उसी स्थान पर मंदिर को दोबारा स्थापित करें। उन्होंने कहा था कि अगर मंदिर की पुनर्स्थापना नहीं होती है तो वीएचपी आंदोलन के लिए मजबूर होगा। विहिप प्रान्त प्रचार प्रसार प्रमुख महेंद्र रावत ने बताया था कि वीएचपी, बजरंग दल, मातृशक्ति, दुर्गावाहिनी, अन्य हिन्दू संगठनों के साथ मिलकर विरोध दर्ज कराएंगे। वहीं, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर मांग की है कि हनुमान मंदिर स्थान पर बनने और मंदिर तोड़ने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

आम आदमी पार्टी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा शासित एमसीडी पर आरोप लगाया कि उन्होंने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि ये मंदिर अतिक्रमित जमीन पर है, इसे तोड़ा जाए। आरोप ये भी है कि एमसीडी ने रविवार को सुबह के वक्त जब बारिश हो रही थी तब ये मंदिर तोड़ा ताकि कोई रोकने न आ सके। भाजपा ने कहा कि चांदनी चौक पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट दिल्ली सरकार का है, ऐसे में वह शुरू से चाहती थी कि यह मंदिर यहां से हट जाए। वहीं आज चांदनी चौक प्रदर्शन करने पहुंचे विश्व हिंदु परिषद के सदस्यों का कहना है कि चाहे मंदिर किसी ने भी तोड़ा हो, हमें मंदिर दोबारा चाहिए। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हम यहां प्रदर्शन करते रहेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं लेकिन सच ये है कि दिल्ली सरकार की सहमति से ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मंदिर को हटाया है।

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