समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24अप्रैल। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका का विरोध किया है. इसमें कहा गया है कि कई समन जारी होने के बावजूद उन्होंने केंद्रीय एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया.
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अरविंद केजरीवाल 9 बार समन किए जाने के बावजूद जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं होकर पूछताछ से बच रहे थे. ईडी का कहना है कि केजरीवाल ने अपने आचरण से आईओ के पास मौजूद सामग्री के अलावा गिरफ्तारी की आवश्यकता के बारे में जांच अधिकारी को स्वयं योगदान दिया और सहायता की, जिससे यह संतुष्टि हो सके कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के दोषी हैं.
ईडी का कहना है कि केजरीवाल को वास्तविक रूप से गिरफ्तार किया गया है, किसी दुर्भावना या बाहरी कारण से नहीं. सामग्री के आधार पर अपराध करने के लिए किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी, चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो, कभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा का उल्लंघन नहीं कर सकती.
गिरफ्तारी के मामले में एक राजनेता के साथ एक सामान्य अपराधी से अलग व्यवहार करना मनमाना होगा और गिरफ्तारी की शक्ति का अतार्किक प्रयोग जो संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत निहित समानता के सिद्धांत का उल्लंघन होगा.