शंभू बॉर्डर पर भारी हंगामा, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, किसान कर रहे पथराव….किसानों की 3 मांगों पर चर्चा और विचार विमर्श करने का आश्वासन

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13फरवरी। भारी संख्या में किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगाई गई है। किसानों का मकसद दिल्ली में एंट्री करना है और पुलिस का काम उन्हें किसी भी तरह इससे रोकना है। दिल्ली, नोएडा, यूपी और हरियाणा पुलिस ने हर तरह से तैयारियां की है। अब किसानों को रोकने की कोशिश की वीडियो भी सामने आने लगी हैं। जिसमें देखा जा सकता है कि किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए।

वीडियो में देखा जा सकता है कि किसान और उन्हें कवर करने पहुंचे मीडियाकर्मी इस आंसू गैस से बचने के लिए भाग रहे हैं। दिल्ली पुलिस की तैयारियों की तस्वीरें भी सामने आई थीं। इसमें देखा जा सकता था कि पुलिस बैरिकेड, कीलें, बोल्डर, बैरियर लगा रही थी।

किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने हर ताकत झोंक दी है। हफ्तेभर से ज्यादा समय से दिल्ली में पुलिस इसी तैयारी में है कि अन्नदाता राजधानी में एंट्री न ले सकें। गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर हो या फिर शंभू बॉर्डर हर जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

दिल्ली ईस्टर्न रेंज के एडिशनल सीपी सागर सिंह कलसी ने कहा कि किसान संगठनों की तरफ से बुलाए गए ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर हमने बहुत सख्त इंतजाम किए हैं. हमारा मकसद है कि किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से रोका जाए और आम लोगों को इसकी वजह से कोई असुविधा न हो यातायात. हम इस स्थिति से शांतिपूर्वक निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “सरकार को जो जानकारी मिल रही है उसमें बहुत सारे ऐसे लोग जो इसमें कोशिश करेंगे कि इस तरह की स्थिति बने जिससे वातावरण प्रदूषित हो। मैं किसान भाइयों से कहूंगा कि इन चीजों से वे बचें। भारत सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है। अधिकांश बातों पर हम बात करने के लिए तैयार हैं। उसके कई विकल्प वे भी दे सकते हैं हम भी विकल्प दे सकते हैं, एक विकल्प पर आकर हम एक समाधान ढूंढ सकते हैं।”

हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। यहां भारी बवाल हो रहा है। पुलिस किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है तो किसानों की ओर से पथराव किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, किसानों की 13 मांगों में से 10 मांगें सरकार ने तुरंत मान ली। किसान नेताओं के साथ 2 दौर की बातचीत हुई। इसमें सरकार ने 13 में से 10 मांगें तुरंत मान ली थी, 3 मांगों पर चर्चा और विचार विमर्श करने का आश्वासन दिया।

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