सिर झुकाकर बोले पीएम मोदी- हम किसानों के हित में हर मुददे पर बात करने के लिए तैयार हैं

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18 दिसंबर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को मध्‍य प्रदेश में आयोजित किसानों के कार्यक्रम में कहा कि मेरी इस बातों के बाद भी, सरकार के इन प्रयासों के बाद भी, अगर किसी को कोई आशंका है तो हम सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर, बहुत ही विनम्रता के साथ देश के किसान के हित में, उनकी चिंता का निराकरण करने के लिए, हर मुददे पर बात करने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं देश के प्रत्येक किसान को ये विश्वास दिलाता हूं कि पहले जैसे MSP दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी, MSP न बंद होगी, न समाप्त होगी।
पीएम मोदी ने कहा, अभी 25 दिसंबर को, श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती पर एक बार फिर मैं इस विषय पर और विस्तार से बात करूंगा. उस दिन पीएम किसान सम्मान निधि की एक और किस्त करोड़ों किसानों के बैंक खातों में एक साथ ट्रांसफर की जाएगी।

हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते?
पीएम ने कहा, मैं विश्वास से कहता हूं कि हमने हाल में जो कृषि सुधार किए हैं, उसमें अविश्वास का कारण ही नहीं है, झूठ के लिए कोई जगह ही नहीं है. अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? दूसरा ये कि हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार, बुवाई से पहले MSP की घोषणा करती है. इससे किसान को भी आसानी होती है, उन्हें भी पहले पता चल जाता है कि इस फसल पर इतनी MSP मिलने वाली है।

उन्होंने कहा कि 6 महीने से ज्यादा का समय हो गया है, जब ये कानून लागू किए गए थे. कानून बनने के बाद भी वैसे ही MSP की घोषणा की गई, जैसे पहले की जाती थी. कोरोना महामारी से लड़ाई के दौरान भी ये काम पहले की तरह किया गया. MSP पर खरीद भी उन्हीं मंडियों में हुई, जिनमें पहले होती थी.

याद करिए, 7-8 साल पहले यूरिया का क्या हाल था?
याद करिए, 7-8 साल पहले यूरिया का क्या हाल था? रात-रात भर किसानों को यूरिया के लिए कतारों में खड़े रहना पड़ता था या नहीं? कई स्थानों पर, यूरिया के लिए किसानों पर लाठीचार्ज की खबरें आती थीं या नहीं? यूरिया की जमकर कालाबाजारी होती थी या नहीं.

यूरिया के लिए किसानों को लाठी नहीं खानी पड़तीं
पीएम मोदी ने कहा, आज यूरिया की किल्लत की खबरें नहीं आतीं, यूरिया के लिए किसानों को लाठी नहीं खानी पड़तीं. हमने किसानों की इस तकलीफ को दूर करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया. हमने कालाबाजारी रोकी, सख्त कदम उठाए, भ्रष्टाचार पर नकेल कसी. हमने सुनिश्चित किया कि यूरिया किसान के खेत में ही जाए.

पुरानी सरकारों को चिंता होती तो देश में 100 के करीब बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट नहीं लटकते
प्रधानमंत्री ने कहा, अगर पुरानी सरकारों को चिंता होती तो देश में 100 के करीब बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट दशकों तक नहीं लटकते. सोचिए, बांध बनना शुरू हुआ तो पच्चीसों साल तक बन ही रहा है. इसमें भी समय और पैसे, दोनों की जमकर बर्बादी की गई.

सिंचाई परियोजनाओं को मिशन मोड में पूरा कर रहे
पीएम मोदी ने कहा, अब हमारी सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च करके इन सिंचाई परियोजनाओं को मिशन मोड में पूरा करने में जुटी है. हम हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. हमारी सरकार अनाज पैदा करने वाले किसानों के साथ ही मधुमक्खी पालन, पशुपालन और मछली पालन को भी उतना ही बढ़ावा दे रही है.

हमारी सरकार ब्लू रिवॉल्यूशन स्कीम चला रही
प्रधानमंत्री ने कहा, मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ब्लू रिवॉल्यूशन स्कीम चला रही है. कुछ समय पहले ही 20 हजार करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी शुरू की गई है. इन्हीं प्रयासों का ही नतीजा है कि देश में मछली उत्पादन के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं.

गेहूं पर MSP थी 1400 रुपए प्रति क्विंटल थी हम 1975 रुपए दे रहे हैं
मोदी ने कहा, पिछली सरकार के समय गेहूं पर MSP थी 1400 रुपए प्रति क्विंटल. हमारी सरकार प्रति क्विंटल गेहूं पर 1975 रुपए MSP दे रही है. पिछली सरकार के समय धान पर MSP थी 1310 रुपए प्रति क्विंटल. हमारी सरकार प्रति क्विंटल धान पर करीब 1870 रुपए MSP दे रही है. पिछली सरकार में ज्वार पर MSP थी 1520 रुपए प्रति क्विंटल. हमारी सरकार ज्वार पर प्रति क्विंटल 2640 रुपए MSP दे रही है.

मसूर की दाल पर MSP थी 2950 रुपए थी, हमारी सरकार 5100 रुपए दे रही
पीएम ने कहा, पिछली सरकार के समय मसूर की दाल पर MSP थी 2950 रुपए. हमारी सरकार प्रति क्विंटल मसूर दाल पर 5100 रुपए MSP दे रही है. पिछली सरकार के समय चने पर MSP थी 3100 रुपए. हमारी सरकार अब चने पर प्रति क्विंटल 5100 रुपए MSP दे रही है. पिछली सरकार के समय तूर दाल पर MSP थी 4300 रुपए प्रति क्विंटल. हमारी सरकार तूर दाल पर प्रति क्विंटल 6000 रुपए MSP दे रही है. पिछली सरकार के समय मूंग दाल पर MSP थी 4500 रुपए प्रति क्विंटल थी. हमारी सरकार मूंग दाल पर करीब 7200 रुपए MSP दे रही है.

सरकार ने 3000 लाख मिट्रिक टन धान किसानों से MSP पर खरीदा
ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार MSP समय-समय पर बढ़ाने को कितनी तवज्जो देती है, कितनी गंभीरता से लेती है. MSP बढ़ाने के साथ ही सरकार का जोर इस बात पर भी रहा है कि ज्यादा से ज्यादा अनाज की खरीदारी MSP पर की जाए. पिछली सरकार ने अपने पांच साल में किसानों से लगभग 1700 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा था. हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 3000 लाख मिट्रिक टन धान किसानों से MSP पर खरीदा.

किसानों के खाते में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा पैसा पहुंचा
यानि हमारी सरकार ने न सिर्फ MSP में वृद्धि की, बल्कि ज्यादा मात्रा में किसानों से उनकी अपज को MSP पर खरीदा है. इसका सबसे बड़ा लाभ ये हुआ है कि किसानों के खाते में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा पैसा पहुंचा है.

किसानों को 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की एमएसपी दी हैं
पीएम मोदी ने कहा, पिछली सरकार के पांच साल में किसानों को धान और गेहूं की MSP पर खरीद के बदले 3 लाख 74 हजार करोड़ रुपए ही मिले थे. हमारी सरकार ने इतने ही साल में गेहूं और धान की खरीद करके किसानों को 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं.

जो लोग किसानों को न MSP दे सके, वो MSP पर किसानों को गुमराह कर रहे हैं
प्रधानमंत्री ने कहा, राजनीति के लिए किसानों का उपयोग करने वाले लोगों ने किसान के साथ क्या बर्ताव किया, इसका एक और उदाहरण है, दलहन की खेती. 2014 के समय को याद कीजिए, किस प्रकार देश में दालों का संकट था. देश में मचे हाहाकार के बीच दाल विदेशों से मंगाई जाती थी. जो लोग किसानों को न MSP दे सके, न MSP पर ढंग से खरीद सके, वो MSP पर किसानों को गुमराह कर रहे हैं.

दाल के किसान को भी ज्यादा पैसा मिल रहा है
2014 से पहले के 5 साल में उन्होंने सिर्फ डेढ़ लाख मीट्रिक टन दाल ही किसानों से खरीदी. जब साल 2014 में हमारी सरकार आई तो हमने नीति भी बदली और बड़े निर्णय भी लिए. हमारी सरकार ने किसानों से पहले की तुलना में 112 लाख मीट्रिक टन दाल MSP पर खरीदी. आज दाल के किसान को भी ज्यादा पैसा मिल रहा है, दाल की कीमतें भी कम हुई हैं, जिससे गरीब को सीधा फायदा हुआ है.

कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है
पीमए मोदी ने कहा, कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है APMC यानि हमारी मंडियों को लेकर. हमने कानून में क्या किया है? हमने कानून में किसानों को आजादी दी है, नया विकल्प दिया है. नए कानून में हमने सिर्फ इतना कहा है कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी. अब जहां किसान को लाभ मिलेगा, वहां वो अपनी उपज बेचेगा.

एक भी मंडी बंद नहीं हुई है. फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है?
पीएम मोदी ने कहा, नए कानून के बाद एक भी मंडी बंद नहीं हुई है. फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है? सच्चाई तो ये है कि हमारी सरकार APMC को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है. फिर ये APMC बंद किए जाने की बात कहां से आ गई.

तीसरा बहुत बड़ा झूठ चल रहा है फार्मिंग एग्रीमेंट को लेकर
पीएम मोदी ने कहा, नए कृषि सुधारों को लेकर तीसरा बहुत बड़ा झूठ चल रहा है फार्मिंग एग्रीमेंट को लेकर. देश में फार्मिंग एग्रीमेंट क्या कोई नई चीज है? नहीं. हमारे देश में बरसों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है.

पंजाब की सरकार 800 करोड़ रुपए के फार्मिंग एग्रीमेंट का जश्न मना रही है
प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते बताया कि अभी किसी ने मुझे एक अखबार की रिपोर्ट भेजी 8 मार्च 2019 की. इसमें पंजाब की कांग्रेस सरकार, किसानों और एक मल्टीनेशनल कंपनी के बीच 800 करोड़ रुपए के फार्मिंग एग्रीमेंट का जश्न मना रही है. पंजाब के किसान की खेती में ज्यादा निवेश हो, ये हमारी सरकार के लिए खुशी की ही बात है.

फार्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है
पीएम मोदी ने कहा, फार्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है. जमीन किसान के ही पास रहती है, एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना-देना ही नहीं है. प्राकृतिक आपदा आ जाए, तो भी किसान को पूरे पैसे मिलते हैं. नए कानूनों के अनुसार, अगर अचानक मुनाफा बढ़ जाता है, तो उस बढ़े हुए मुनाफे में भी किसान की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है.

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