जीत गई ‘जिंदगी’: रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 17वें दिन 57 मीटर पर मिला ब्रेक थ्रू, जल्द बाहर आने वाले हैं मजदूर

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28नवंबर। उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे के 17वें दिन मंगलवार को बड़ी कामयाबी मिली। सेना द्वारा मैनुअल ड्रीलिंग से बड़ी सफलता मिली है। 57 मीटर पर ब्रेकथ्रू मिल गया है और मजदूरों का चेहरा दिखाई दिया है। इसका मतलब है कि अब एक पाइप डालकर मजदूरों को बाहर निकलने का काम शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी टनल के अंदर मौजूद हैं। टनल के बाहर एम्बुलेंस खड़ी है। अभी पाइप की सफाई का काम चल रहा है।

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डॉक्टर की टीम भी टनल के अंदर मौजूद है। जवान स्ट्रेचर, रस्सी और ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर टनल के अंदर से मजदूरों के पास जायंगे। जो पाइप के अंदर से मजदूरों के आस पहुंचेगी। चिन्यालीसौड़ तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर दिया गया है। ऋषिकेश एम्स में भी सभी तैयारियां पूरी है। हेलीकॉप्टर भी अलर्ट पर रखे गए हैं।

टनल के बाहर पहले से तैनात एंबुलेंस के जरिए मजदूरों को अस्पताल ले जाया जाएगा। टनल के पास बेस हॉस्पिटल है। जहां मजदूरों को प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इसके बाद इन्हें 30-35 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। वहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा।

कब हुआ हादसा?
बता दें, उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चारधाम सड़क परियोजना (ऑलवेदर रोड) के लिए निर्माणाधीन सुरंग में रविवार को यह हादसा हुआ था। यमुनोत्री हाईवे पर धरासू से बड़कोट कस्बे के बीच सिलक्यारा से पौल गांव तक 4.5 किलोमीटर टनल निर्माण चल रहा है। दिवाली के दिन तड़के चार बजे शिफ्ट चेंजिंग के दौरान सुरंग के मुहाने से करीब 150 मीटर अंदर टनल का 60 मीटर हिस्सा टूट गया और सभी मजदूर अंदर फंस गए। हादसे के वक्त टनल के मुहाने के पास मौजूद प्लंबर उपेंद्र के सामने यह हादसा हुआ था। काम के लिए अंदर जा रहे उपेंद्र ने जब मलबा गिरते हुए देखा तो बाहर भागकर उसने शोर मचाया। इसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई।

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