समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28अक्टूबर। अगले साल 22 जनवरी को पीएम मोदी राम मंदिर जैसे राष्ट्रीय धरोहर को जनता को सुपुर्द करेंगे और इसी बीच जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने पीएम मोदी के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. मदनी ने कहा कि प्रधानमंत्री को अयोध्या या किसी भी स्थान पर आयोजित होने वाले धार्मिक समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए.
मौलाना मदनी ने कुछ मुस्लिम नेताओं की ओर से अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद की नींव रखने के लिए पीएम मोदी से अपील करने पर आलोचना की. उन्होनें अपने बयान में कहा कि हम स्पष्ट रूप से यह कहना चाहते हैं कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के जो निर्णय किया था, हम उसको सही नहीं मानते हैं. इसलिए मस्जिद बनाने के लिए खैरात में दी गई जमीन को भी कबूल नहीं किया जा सकता.
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने आगे कहा कि फैसले के तुरंत बाद हमने अपनी स्थिति साफ कर दी थी कि और कहा था कि यह गलत माहौल में और गलत सिद्धांतों के आधार पर दिया गया फैसला है. यह कानूनी और ऐतिहासिक तथ्यों के भी विरुद्ध है. उन्होनें कहा इसलिए देश के प्रधानमंत्री को किसी भी पूजा स्थल के उद्घाटन के लिए बिलकुल नहीं जाना चाहिए.