समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6अक्टूबर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने थोइथोइबा मयंग लाम बम की आर्ट एक्जीबिशन का उद्घाटन किया। इस दौरान सोलो आर्ट एक्जीबिशन में ओ.जाय सिंह,पूर्व मंत्री मणिपुर, कला गुरू एवं कलाकार, गणमान्य नागरिक, कला प्रेमी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में सभी आर्टिस्टों को सोलो आर्ट एक्जीविशन के अवसर पर शुभकामनाएं दी और सफलता की कामना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस एक्जीबिशन में कलाकृतियों को देखकर दर्शकों के मन को प्रसन्नता मिलेगी है। आर्ट के विद्वानों का मत है कि प्रत्येक व्यक्ति मन से कलाकार होता है, लेकिन कलाकार बनने के लिये कला के मूलभूत सिद्धान्तों, तत्वों और आधारों से परिचित होना भी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि जब मैं मणिपुर आई और यहॉं के लोगों को, यहॉं की कला, संस्कृति को देखा तो बहुत अच्छा लगा और मैंने इस प्रदेश की कला संस्कृति को बहुत उत्कृष्ट पाया। जो कि अदभुद है किन्तु विगत कुछ समय से यहॉं पर जो विपरीत परिस्थिति उत्पन्न हुई वह दुखद है। इस स्थिति से निपटने के लिये भारत सरकार और मणिपुर सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। आशा ही शीघ्र समाधान और सदभाव स्थापित होगा।
कलाकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिये अवसर और मंच मिलना चाहिए जिसके लिये कलाकारों को मंच और उपयुक्त प्लेटफार्म मिलना चाहिए। यह कार्य सरकार एवं मणिपुर के वरिष्ठ कलाकारों द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आर्ट भावनाओं और संवेदनाओं को जन्म देती है और हमें मनुष्य बनाती है। कला मनुष्य के जीवन को प्रभावित करती है। जीवन की गुणवत्ता को सुधारती है। हमारे जीवन को अर्थ देती है और संसार को समझने में मदद करती है। कला हमारी संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा है क्योंकि कला हमें अपनी भावनाओं को गहराई से समझने में सहायता करती है।
भाषा की तरह कला भी अभिव्यक्ति का एक रूप है। इसका संदेश प्रतीकात्मक या धार्मिक, ऐतिहासिक या राजनीतिक हो सकता है। कला का उद्देश्य केवल एक संदेश प्रेषित करना नहीं है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भावनात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करना है। मानव जीवन में चित्रकला का सदैव से विशेष स्थान रहा है। कलाकार सुख, दुख, संकट, सफलता और असफलता को साधारण नजर से नहीं देखता। उसकी दृष्टि चीजों के मर्म को टटोलती है, एक में कई रूपों को तलाशती है और उन्हें उसी रूप में दिखाती है। पेंटिंग्स दुःख को कम ही नहीं करती बल्कि उसे समझने और उसके साथ जीने में मदद करती हैं, आर्ट खुशी में उत्साह जोड़ती है।
प्रदर्शनी कला के दर्शकों का ध्यान कलाकृतियों पर केन्द्रित करती हैं। लोगों का कलाकृति पर ध्यान केंद्रित करना न केवल रोमांचक है बल्कि यह उन्हें कलाकार की आवाज़, दृष्टि, शैली और रंग के उपयोग को देखने और समझने की अनुमति देता है।
एक बात और मैं आपसे कहना चाहती हॅूं कि दुर्भाग्य से हमारा राज्य इस समय अशांति के दौर से गुजर रहा है। यह स्थिति हम सभी के लिए दुखद है। मैं आप सभी से अपील करती हूं कि आइए हम इस संकट को हल करने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करें ताकि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की हमारी परंपरा को बनाए रखा जा सके। कानून को अपने हाथ में न लें, अफवाहों पर ध्यान न दें और अपनी बात को वार्ता के मंच पर प्रस्तुत कर समस्या का समधान खोजें।