समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली , 4 दिसंबर
कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की वार्ता कल होगी। इससे पहले 4 बार वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। शनिवार को होने वाली वार्ता को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि कोई न कोई हल जरूर निकलेगा। उधर, नए संशोधित कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब चरम पर पहुंच गया है। भारतीय किसान संघ ने आगामी 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। किसानों ने अब सीधे तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी को टारगेट करना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में कल यानी शनिवार को दिल्ली बॉर्डर पर पीएम मोदी का पुतला फूंकने का कार्यक्रम रखा गया है। माना जा रहा है कि देश में गैर बीजेपी शासित प्रदेशों में बंद का खासा असर देखने को मिल सकता है।
आज सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए किसानों ने कहा कि एमएसपी पर सरकार से बात चल रही है लेकिन हम तीनों कानून वापस करवा कर रहे हैं। किसान नेता ने कहा, हम आंदोलन और तेज करेंगे। आठ दिसंबर को भारत बंद रहेगा, सभी टोल प्लाजा भी बंद करवाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली आने वाले सभी रास्ते भी बंद किए जाएंगे। आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने कहा कि आज तमिलनाडु में और कर्नाटक में हमारा प्रदर्शन था। अब इन किसानों को भी दिल्ली आने को बोल दिया। उन्होंने कहा कि पूरे देश के किसानों को दिल्ली आने का आह्वान किया। लड़ाई आर पार की होगी। पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता।
किसान नेता ने कहा कि कोरपोरेट फ़ार्मिंग किसान को मंज़ूर नहीं। हम डेडलाइन नहीं दे रहे हम सरकार को बता रहे हैं स्थिति ऐसे ही रही तो हर राज्य से और जत्थे दिल्ली लाए जाएंगे। हम विश्वास नहीं रखते लेकिन लोगों में सरकार के प्रति ग़ुस्सा बहुत है। किसान नेताओं ने कहा, कर्नाटक में 7 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक विधानसभा के बाहर किसानों का धरना होगा। बंगाल में रास्ता रोको आंदोलन होगा। किसी सरकार में हिम्मत नहीं कि इस आंदोलन के आगे टिक जाए।