‘संविधान की कॉपी में सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द शामिल नहीं’- अधीर रंजन चौधरी

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​समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 सितंबर। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि नई संसद में उन्हें संविधान की जो प्रति मिली है, उसमें ‘सोशलिस्ट और सेक्युलर’ शब्द शामिल नहीं हैं। उन्होने कहा कि हम जानते हैं कि ये दोनों शब्द 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए हैं, लेकिन आज की तारीख में अगर कोई संविधान में से ये दोनों शब्द शामिल न हो तो ये दुश्चिंता की बात है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले सभी सांसदों को संविधान की जो प्रति दी गई है, उसमें ये दोनों शब्द नहीं हैं।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्होने या बात राहुल गांधी को भी बताई और ये काम बहुत चतुराई के साथ किया गया है। अगर आप कुछ कहेंगे तो शुरु में संविधान में यही था और वही दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि ये ‘इरादों में खोट’ है और वो इस बात को लेकर डरे हुए र चिंतित है क्योंकि उनकी मंशा अलग है। हमें जो संविधान की प्रति मिली है उसमें से ये दोनों शब्द चालाकी के साथ हटाए गए हैं। ये चिंताजनक बात है और इस मुद्दे को वो उठाना चाहते थे लेकिन मौका नहीं दिया गया।

लोकसभा में कांग्रेस नेता ने कहा कि ”संविधान की जो नई प्रतियां आज (19 सितंबर) को हमें दी गईं, जिसे हमने हाथ में लेकर (नए संसद भवन) में प्रवेश किया, उसमें इसकी प्रस्तावना समाजवादी और सेक्लुलर’ शब्द शामिल नहीं हैं। हम जानते हैं कि ये शब्द 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन अगर आज कोई हमें संविधान देता है और उसमें ये शब्द नहीं हैं, तो यह चिंता का विषय है…उनका इरादा है संदेहास्पद है। यह बड़ी चतुराई से किया गया है। यह मेरे लिए चिंता का विषय है। मैंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की लेकिन मुझे इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं मिला।” बता दें कि आज संसद के विशेष सत्र की कार्यवाही का तीसरा दिन है और आज महिला आरक्षण बिल जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया है, उसपर चर्चा भी होगी। इसी के साथ ये संभावना भी है कि विपक्ष द्वारा संविधान की कॉपी में इन दो शब्दों को शामिल न करना का मुद्दा भी उठाया जाएगा।

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