परशोत्तम रुपाला आज मध्य प्रदेश के इंदौर में पीएमएमएसवाई की तीसरी वर्षगांठ पर कार्यक्रम को करेंगे संबोधित

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15सिंतबर। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला आज मध्य प्रदेश के इंदौर में ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के कार्यान्वयन के तीन सफल वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। परशोत्तम रुपाला पीएमएमएसवाई के तहत स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और छह महीने तक चलने वाले “मत्स्य सम्पदा जागृति अभियान” का शुभारंभ करेंगे, जिसमें देश भर में 108 लोकसंपर्क अभियान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

पीएमएमएसवाई कार्यक्रम की तीसरी वर्षगांठ के जश्न के दौरान प्रमुख गतिविधि मत्स्य पालन पर प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा, जो स्टार्टअप, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, मत्स्य एफपीओ और मत्स्य सहकारी समितियों द्वारा प्रदर्शित मत्स्य पालन क्षेत्र में नवाचारों, पहलों और प्रगति का पता लगाने पर केंद्रित होगी। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के बाद पीएमएमएसवाई के तहत सफलता की कहानियां साझा की जाएंगी, जिसमें मत्स्य पालन की विभिन्न गतिविधियों से जुड़े लाभार्थियों और मछुआरों को अपनी सफलता की कहानियां साझा करने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है और उम्मीद है कि देश भर से 20,000 से अधिक प्रतिभागी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह एक शुभ कार्यक्रम है जो मछुआरों, उद्यमियों, अन्य हितधारकों, सरकारी अधिकारियों और जीवंत मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के उत्साही प्रतिभागी को एक साथ लाने वाला एक ऐतिहासिक अवसर होगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पीएमएमएसवाई की उपलब्धियों और मत्स्य पालन विभाग द्वारा कार्यान्वित विभिन्न अन्य योजनाओं को प्रदर्शित करना है। यह कार्यक्रम भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार के पिछले नौ वर्षों के योगदान और उपलब्धि पर भी प्रकाश डालेगा।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, मध्य प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट देश में मत्स्य पालन क्षेत्र की योजना और विकास पर अपनी बहुमूल्य जानकारी देंगे। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी, मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त सचिव सागर मेहरा, संयुक्त सचिव नीतू प्रसाद और आईसीएआर के उप महानिदेशक (मत्स्य) डॉ. जे.के. जेना भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

इस कार्यक्रम में देश भर से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मत्स्य पालन विभाग के प्रतिनिधि, भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, आईसीएआर संस्थान और अन्य संबंधित विभाग/मंत्रालय, पीएमएमएसवाई लाभार्थी, मछुआरे, मछली किसान, उद्यमी और मत्स्य पालन क्षेत्र में शामिल प्रमुख हितधारकों के भाग लेने की उम्मीद है। मत्स्य पालन विभाग इसका आयोजन कर रहा है और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी), हैदराबाद इस कार्यक्रम का समन्वय कर रहा है।

मत्स्य पालन और जलीय कृषि गतिविधियाँ भोजन, पोषण और रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं और हमारे देश में लगभग 3 करोड़ मछुआरों के लिए आजीविका का महत्वपूर्ण स्रोत है। वैश्विक मछली उत्पादन में लगभग 8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है। जलीय कृषि उत्पादन में वैश्विक स्तर पर भारत दूसरे स्थान पर है और शीर्ष झींगा उत्पादक और समुद्री खाद्य निर्यातक देशों में से एक है। भारत सरकार ने पिछले नौ वर्षों के दौरान, मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए परिवर्तनकारी पहल की है। जून 2019 में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी के लिए नए मंत्रालय के निर्माण के बाद कुछ प्रमुख पहलों में 5000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ नीली क्रांति योजना की शुरुआत के साथ मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाना और मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) में 7522 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य के शामिल है।

मार्च 2020 में नीली क्रांति योजना के सफल समापन पर, नीली क्रांति की उपलब्धियों को समेकित करने और उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाते हुए मत्स्य पालन क्षेत्र को और भी अधिक ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए, केंद्र में मछुआरों के कल्याण के साथ मत्स्य पालन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) शुरू की गई। देश के प्रधानमंत्री द्वारा सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को पूरा करने की दृष्टि से 10 सितंबर, 2020 को 20,050 करोड़ रुपये के उच्चतम निवेश के साथ लॉन्च किया गया था। मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने, मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला में बुनियादी ढांचे का विकास करने, देश भर में घरेलू मछली की खपत बढ़ाने और महत्वपूर्ण रूप से मछुआरा समुदायों की आजीविका और कल्याण को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत विकास के लिए पीएमएमएसवाई लागू कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, मछली उत्पादन और उत्पादकता, प्रौद्योगिकी, फसल के बाद के बुनियादी ढांचे आदि में महत्वपूर्ण अंतर को पाटने पर ध्यान देने के साथ पीएमएमएसवाई योजना शुरू की गई थी। भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग द्वारा 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों को कवर करते हुए 2020-21 से 2023-24 (अगस्त 2023) के तहत पीएमएमएसवाई के तहत कुल परियोजना लागत 16,924.02 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, ताकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं (15,335.09 करोड़ रुपये) और केंद्रीय क्षेत्रीय योजनाओं (1,588.93 करोड़ रुपये) को लागू किया जा सके।

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