मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्षी दल के नेताओं ने राष्ट्रपति मुर्मू से की मुलाकात, हस्तक्षेप का किया आग्रह
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2अगस्त। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस ’ के घटक दल के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उनसे मणिपुर मुद्दे पर हस्तक्षेप का आग्रह किया. बता दें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों की ओर से मंगलवार को राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा था.
विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान मणिपुर के साथ-साथ हरियाणा में हो रहे दंगों के बारे में अवगत कराया. इस बात की जानकारी खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दी. उन्होंने कहा, कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मणिपुर का दौरा करने के साथ ही जरूरी कदम उठाने चाहिए. खरगे ने संवाददाताओं से कहा , ‘‘हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है. वहां घटने वाली घटनाओं , खासकर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के बारे में उन्हें अवगत कराया. हम राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित करने के लिए मिले. ’’
उन्होंने कहा , हम लोकसभा में जब अपनी बात रख – रखकर थक गए थे , तो अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा. इस पर कल ही चर्चा होनी चाहिए थी. सरकार का एक ही मकसद है- जवाब नहीं देना और चीजों से बचना. खरगे के अनुसार, विपक्षी पार्टियां राज्यसभा में नियम 267 के तहत मणिपुर मुद्दे पर चर्चा चाहती है लेकिन, केंद्र सरकार उनकी एक नहीं सुन रही है. खरगे ने कहा, दिल्ली से सटे राज्य में दंगे हो रहे हैं , लेकिन कोई संज्ञान नहीं लेता. हमने ये सारी बातें राष्ट्रपति को बताई.
विपक्षी दलों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति मुर्मू को एक ज्ञापन भी सौंपा है जिसमें मणिपुर की स्थिति का विस्तृत उल्लेख करने के साथ ही उनके दखल की मांग की गई है. विपक्षी दलों के गठबंधन ‘ इंडिया ’ के कुछ सांसदों ने 29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा किया था. वे राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. विपक्ष मणिपुर हिंसा पर संसद में नियम 267 के तहत चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बयान देने की मांग कर रहा है जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन मणिपुर पर एक अल्पकालिक चर्चा चाहता है जिस पर जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देंगे.
मणिपुर मामले को लेकर विपक्ष मे संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिस पर पर 8 से 9 अगस्त के बीच चर्चा होगी और बाद में 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर जवाब देंगे. बता दें विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था जिस पर पार्टियों का कहना है कि उन्हें पता है कि उनके पास बहुमत नहीं है कि वे मोदी सरकार को विश्वास प्रस्ताव में हरा सकें लेकिन, मणिपुर हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी के जवाब के लिए यही आखिरी चारा है.