–गुस्ताखी माफ़ हरियाणा –

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पवन कुमार बंसल।
जब रिटायर्ड डी जी पी निर्मल सिंह का नाम मनोहर सरकार ने पद्मश्री के लिए भेजा।
पिछले दिनों महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पदम् पुरुस्कार दिए तो यह देख अच्छा लगा की जहा कुछ पुरस्कार
राजनीतिक लाभ के मद्देनजर दिए गए थे वही काफी पुरस्कार पात्र को भी दिए गए जिनकी कोई सिफारिश नहीं थी।
हरियाणा और पद्मश्री पुरस्कार।
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मुख्यमंत्री रहते बंसीलाल ने अपने कार्यकर्ता सेठ श्रीकिशन दास को पद्मश्री अवार्ड दिलवा दिया लेकिन वे अंग्रेजी अख़बार ‘ट्रिब्यून ‘के सम्पादक को
पद्मश्री नहीं दिलवा सके। बकौल बंसीलाल जब उन्होंने इस बारे होम मिनिस्टर से बात की तब तक नामो की सूचि बन चुकी थी।

निर्मल सिंह के नाम की शिफारिश।
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वर्ष २०२२ में मिलने वाले पद्म पुरस्कारों के नाम पर विचार करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बैठक हो रही थी।
बैठक में मुख्य सचिव जो पहले गृह सचिव भी रह चुके थे , गृह मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी जनाब डी एस देशी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में मौजूद अफसरों से एक ऐसे आई ए एस और आई पी एस अफसर जिसने सराहनीय काम किया हो का नाम सुझाने को कहा ताकि उनके नाम की सिफारिश पद्मश्री के लिए केंद्र सरकार को भेजी जा सके।
जनाब देशी साहिब ने आई ए एस अफसर ए एन माथुर के नाम की सिफारिश की तो मनोहर लाल ने कहा मैं उन्हें नहीं जानता और नाही मैने उनके किसी
सराहनीय काम बारे सुना है।

चीफ सेक्रेटरी ने निर्मल सिंह का नाम सुझाया जिस पर सभी सहमत हुए। चीफ सेक्रेटरी ने तो यहाँ तक कहा की उन्होंने अपने अब तक के सेवाकाल में
वर्दी के प्रति समर्पित ऐसा पुलिस अफसर नहीं देखा।
केंद्र दवारा जारी सूचि में उनका नाम नहीं था। वहा से नाम क्लियर आसानी से नहीं होता और जिनका होता है उसके कई कारण होते है।
निर्मल सिंह ने विज को फ़ोन कर इस बात के लिए धन्यावद किया की सरकार ने उन्हें पुरस्कार के योग्य समझा।
दुमछल्ला।
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लेखक को निर्मल सिंह ने अपनी बायोग्राफी लिखने के लिए अधिग्रहित किया है। प्रतीक्षा करे। किताब काफी रोचक होगी और कई अनसुने पहलू पर भी रोशनी डालेगी। मसलन हूडा के कार्यकाल में डी जी पी रहे निर्मल सिंह ने रिटायरमेंट के बाद कहा की यह हूडा साहिब का बड़ापन है की उन्होंने ,उन्हें यानि मुझे कोई गलत काम करने को नहीं कहा और बाकि अगर और किसी ने कहा तो उन्होने कोई परवाह नहीं की। निर्मल सिंह भेष बदल कर थानों पर छापे मारते थे।

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