सलमान की फिल्म से ड्रैगन को लगी मिर्ची

सलमान खान की फिल्म बैटल ऑफ गलवान के टीज़र पर चीन की तीखी प्रतिक्रिया, फिर चर्चा में आया सीमा विवाद का संवेदनशील इलाका

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • सलमान खान की फिल्म बैटल ऑफ़ गलवान के टीज़र पर चीन ने जताई आपत्ति
  • गलवान घाटी का नाम कश्मीरी गाइड गुलाम रसूल गलवान से जुड़ा
  • लद्दाख में भारत–चीन विवाद का सबसे संवेदनशील रणनीतिक क्षेत्र
  • 2020 की हिंसक झड़प के बाद से रिश्तों में गहरा अविश्वास

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 31 दिसंबर: गलवान घाटी एक बार फिर देश और दुनिया की सुर्खियों में है। इस बार वजह सीमा पर कोई नई सैन्य झड़प नहीं, बल्कि सलमान खान अभिनीत फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ का जारी किया गया टीज़र है। टीज़र सामने आते ही चीन के सरकारी माध्यमों और विशेषज्ञों ने तीखी आपत्ति जताई है। बीजिंग का आरोप है कि फिल्म गलवान संघर्ष को एकतरफा ढंग से पेश कर रही है।

गुलाम रसूल गलवान और घाटी का नाम

गलवान घाटी का नाम उन्नीसवीं सदी के कश्मीरी गाइड गुलाम रसूल गलवान के नाम पर पड़ा। ब्रिटिश शासन के दौर में जब विदेशी खोजी लद्दाख और काराकोरम की दुर्गम घाटियों का नक्शा तैयार कर रहे थे, तब स्थानीय गाइडों की भूमिका बेहद अहम थी।

गुलाम रसूल गलवान ने श्योक और गलवान नदी क्षेत्र को जोड़ने वाला एक कठिन मार्ग खोजा। धीरे-धीरे उसी मार्ग और नदी को गलवान नाला कहा जाने लगा और आगे चलकर पूरी घाटी इसी नाम से पहचानी जाने लगी।

गलवान घाटी का रणनीतिक महत्व

गलवान घाटी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के बेहद निकट स्थित है। यहीं गलवान नदी श्योक नदी में मिलती है। इस क्षेत्र से भारत की दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी और उससे जुड़ी सड़कों की सुरक्षा सीधे तौर पर प्रभावित होती है।

यह इलाका सियाचिन क्षेत्र, काराकोरम दर्रे और उत्तरी लद्दाख को जोड़ने वाले मार्गों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। समुद्र तल से चौदह से पंद्रह हजार फुट से अधिक ऊंचाई, ऑक्सीजन की कमी और कठोर मौसम इसे दुनिया के सबसे कठिन सैन्य क्षेत्रों में शामिल करते हैं।

चीन इस इलाके को अपने पश्चिमी क्षेत्र का हिस्सा मानता है, जबकि भारत इसे लद्दाख का अभिन्न अंग बताता है। यही विरोधाभासी दावे विवाद की जड़ हैं।

वर्ष 2020 की हिंसक झड़प

जून 2020 में गलवान घाटी भारत–चीन संबंधों के इतिहास की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक की गवाह बनी।

पंद्रह–सोलह जून की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच निहत्थे संघर्ष में भारतीय सेना के बीस जवान शहीद हो गए। इनमें सोलह बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी बी. संतोष बाबू भी शामिल थे।

इस घटना के बाद दोनों देशों के रिश्तों में गहरा अविश्वास पैदा हुआ। सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाई गई और कूटनीतिक व आर्थिक स्तर पर भी सख्त रुख अपनाया गया।

सलमान खान की फिल्म और चीन की आपत्ति

सलमान खान की फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ वर्ष 2020 की उसी घटना से प्रेरित मानी जा रही है। फिल्म का निर्देशन अपूर्वा लखिया कर रहे हैं और इसके वर्ष 2026 में प्रदर्शित होने की संभावना है।

टीज़र में बर्फीली घाटियां, निहत्थे सैनिक, हाथों में डंडे और देशभक्ति के नारे दिखाए गए हैं।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से जुड़ी खबरों में दावा किया गया है कि यह फिल्म तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करती है और भारत की राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काने की कोशिश है। चीन इसे केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश के रूप में देख रहा है।

भारत का पक्ष: स्मृति और सम्मान

भारत में इस फिल्म को शहीद सैनिकों के बलिदान को सम्मान देने के रूप में देखा जा रहा है। गलवान 2020 की घटना भारतीय जनता की स्मृति में गहराई से दर्ज हो चुकी है।

भारतीय फिल्मकारों और विश्लेषकों का कहना है कि सैनिकों की बहादुरी और शहादत को सिनेमा के माध्यम से सामने लाना स्वाभाविक है। कई विशेषज्ञों के अनुसार, चीन की नाराज़गी दरअसल इस बात से जुड़ी है कि वैश्विक मंच पर गलवान की कहानी भारतीय दृष्टिकोण से कही जा रही है।

विवाद का गहरा संदेश

गलवान घाटी की कहानी तीन स्तरों पर अहम संदेश देती है।
पहला, औपनिवेशिक दौर से लेकर आज तक स्मृति और भूगोल का रिश्ता।

दूसरा, सीमा विवाद अब सिर्फ बर्फीले पहाड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि कथाओं और विचारों की लड़ाई भी बन चुका है।
तीसरा, सिनेमा अब राष्ट्रीय स्मृति और वैश्विक जनमत को आकार देने का अहम माध्यम बन गया है।

निष्कर्ष

जिस गलवान घाटी को कभी गुलाम रसूल गलवान ने अपनी मेहनत से दुनिया के नक्शे पर जगह दिलाई, वह आज एशियाई राजनीति, सैन्य रणनीति और सिनेमा का केंद्रीय प्रतीक बन चुकी है।

वर्ष 2020 की हिंसक झड़प ने इसे शहीदों की स्मृति स्थली बना दिया, वहीं आने वाली फिल्म इसे सांस्कृतिक स्मृति में और गहराई से दर्ज करने की कोशिश है। चीन की आपत्ति यह दिखाती है कि अब सीमा विवाद नक्शों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हर कहानी और हर दृश्य कूटनीति का हिस्सा बन चुका है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.