बांग्लादेश में एक और हत्या,12 दिन में तीसरे हिंदू की हत्या

अल्पसंख्यक हिंदुओं पर बढ़ती हिंसा, अर्धसैनिक बल के भीतर ही खूनखराबा

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  • मयमनसिंह जिले में अंसार अर्धसैनिक बल के हिंदू सदस्य की गोली मारकर हत्या
  • आरोपी अंसार का ही साथी, घटना फैक्ट्री परिसर के भीतर
  • हाल के दिनों में इसी जिले में हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या की घटना
  • सुरक्षा बलों के भीतर वारदात से अल्पसंख्यकों में गहराया डर

समग्र समाचार सेवा
ढाका | 30 दिसंबर: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ताजा मामला मयमनसिंह जिले का है, जहां ग्रामीण अर्धसैनिक बल अंसार के सदस्य बृजेंद्र बिस्वास की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोप अंसार के ही एक अन्य सदस्य नोमान मियां पर है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

अर्धसैनिक बल के सदस्य थे बृजेंद्र बिस्वास

बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 40 वर्षीय बृजेंद्र बिस्वास सुल्ताना स्वेटर्स लिमिटेड फैक्ट्री में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे। यह फैक्ट्री भालुका उपजिला के मेहराबारी इलाके में स्थित है, जहां सुरक्षा के लिए करीब 20 अंसार सदस्यों की तैनाती थी। सोमवार शाम करीब साढ़े छह बजे फैक्ट्री परिसर के भीतर ही यह सनसनीखेज वारदात हुई।

साथी ने ही तोड़ा भरोसा

प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया गया कि घटना के समय बृजेंद्र बिस्वास और आरोपी नोमान मियां एक ही कमरे में बैठे हुए थे। अचानक नोमान ने अपनी बंदूक उठाई और बृजेंद्र की ओर तान दी। चश्मदीदों के मुताबिक, उसने चिल्लाकर कहा, “गोली मार दूंगा” और इसके तुरंत बाद ट्रिगर दबा दिया। गोली बृजेंद्र की बाईं जांघ में लगी, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव हुआ।

घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बृजेंद्र बिस्वास, सिलहट सदर उपजिला के कादिरपुर गांव के निवासी थे, जबकि आरोपी नोमान मियां सुनामगंज जिले के ताहिरपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला बताया गया है।

बिना विवाद के हुई वारदात

लबीब समूह के प्रभारी अंसार सदस्य एपीसी मोहम्मद अजहर अली ने दावा किया है कि घटना के समय कमरे में किसी तरह का विवाद या बहस नहीं चल रही थी। उनके अनुसार, हमला पूरी तरह अचानक था और पहले से किसी तरह की दुश्मनी के संकेत नहीं मिले थे।

अल्पसंख्यकों में बढ़ता भय

गौरतलब है कि अंसार बल गांवों और औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है। सुरक्षा बल के भीतर इस तरह की हिंसक घटना ने अल्पसंख्यक सदस्यों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। इससे पहले इसी मयमनसिंह जिले में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर शव को पेड़ से बांधकर जलाने की घटना सामने आ चुकी है।

पुलिस मामले की जाँच कर रही है और यह जानने की कोशिश की जा रही है कि यह व्यक्तिगत कृत्य था या इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है।

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